नई दिल्ली। निर्धारित नोटिस पीरियड पूरा किए बगैर नौकरी छोड़ना अब कर्मचारियों को भारी पड़ेगा। अगर कोई कर्मचारी बगैर नोटिस पीरियड पूरा किए अपनी नौकरी छोड़ता है तो उसे कंपनी द्वारा किए जाने वाले अंतिम भुगतान पर 18 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवा कर (GST) का भुगतान करना होगा।
गुजरात अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने अपने ताजा फैसले में कहा है कि यदि कोई कर्मचारी निर्धारित नोटिस पीरियड पूरा किए बगैर अपनी मौजूदा कंपनी को छोड़ता है तो उसे मिलने वाले अंतिम भुगतान पर 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होगा।
क्या था मामला
यह पूरा मामला अहमदाबाद की एक एक्सपोर्ट कंपनी एमनील फार्मा (Amneal Pharma) के एक कर्मचारी को लेकर शुरू हुआ था। GST अथॉरिटी का यह फैसला कंपनी के एक कर्मचारी के तीन महीने का नोटिस पीरियड सर्व किए बगैर नौकरी छोड़ने पर आया है। GST अथॉरिटी ने अपने फैसले में कहा कि यह रकम GST एक्ट के तहत कर्मचारी छूट के तहत नहीं है लिहाजा नोटिस पीरियड पूरा ना करने की शर्त पर 18 प्रतिशत जीएसटी चुकाना होगा।
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ऐसे समझे फैसले को
कंपनी किसी कर्मचारी को नियुक्त करते वक्त नियुक्ति पत्र में नोटिस पीरियड का जिक्र करती है। नोटिस पीरियड जितने दिनों का होता है, कर्मचारी को नौकरी छोड़ने से पहले उतने दिन का नोटिस पीरियड पूरा करना होता है। यदि किसी कर्मचारी का नोटिस पीरियड 3 महीने का है और वह इस्तीफा देने के बाद सिर्फ 2 महीने काम करता है, तो बाकी के एक महीने की सैलरी के साथ कंपनी 18 प्रतिशल GST भी काटेगी। यानी किसी कर्मचारी की सैलरी मंथली 50,000 रुपये है तो Gujarat Authority of Advance Ruling के इस फैसले के मुताबिक, कर्मचारी को एक महीने की सैलरी के साथ 18% जीएसटी का भुगतान भी कंपनी को करना होगा।
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कर्मचारी पर दोहरी मार
ऐसे कर्मचारी जो बिना नोटिस पीरियड पूरा किए कंपनी की नौकरी छोड़ेंगे उन्हें कंपनी को तो एक तय रकम देनी ही होगी साथ ही उन्हें 18 प्रतिशत जीएसटी भी देना होगा। गुजरात अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने फैसला दिया है कि कोई कर्मचारी अगर अपॉइंटमेंट लेटर में लिखे गए नोटिस पीरियड पूरा किए बिना नौकरी छोड़ता है तो उसे 18 प्रतिशत GST चुकाना होगा।
कंपनियों के लिए नोटिस पीरियड क्यों जरूरी
आमतौर पर कंपनी कर्मचारी के अपॉइंटमेंट लेटर में एक नोटिस पीरियड का जिक्र करती है। जो कि हर पद और ओहदे के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है। जब कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ता है तो उसे उस नोटिस पीरियड तक काम करना होता है, ताकि कंपनी उसके रिप्लेसमेंट का इंतजाम कर सके। अगर कोई कर्मचारी अपने नोटिस पीरियड से कम काम करता है तो कंपनी उससे इसके लिए भुगतान मांगती है।
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