नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) पर अमल, कारोबार सुगमता रैंकिंग में उछाल तथा मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग में सुधार वर्ष 2017 की उसकी प्रमुख उपलब्धियां रही हैं। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अमल में लाते समय लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना सरकार का प्राथमिक मकसद रहा है। इससे 48 लाख से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारियों को फायदा हुआ।
अरुण जेटली के नेतृत्व वाले वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा है कि उसके लिए यह साल ऐतिहासिक रहा। मूडीज इंवेस्टर सर्विस ने करीब 13 साल बाद भारत की स्थानीय तथा विदेशी मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग में सुधार किया। इसके अलावा विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत ने सीधे 30 पायदान की छलांग लगाई।
मंत्रालय ने कहा कि नोटबंदी से समूची वित्तीय प्रणाली को साफ सुथरा बनाने के प्रत्यक्ष संकेत दिखने लगे हैं। बयान में यह भी कहा गया है कि जुलाई में लागू किया गया GST एक बदलाव लाने वाला सुधार रहा है। GST से अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में बड़ा बदलाव आया है। इससे कई केंद्रीय और राज्य शुल्कों को समाहित किया गया है। वर्ष के दौरान आयकर कानून को नए सिरे से लिखने के लिए नई प्रत्यक्ष कर संहिता की भी पहल हुई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल में कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में 72,500 करोड़ रुपए के विनिवेश लक्ष्य को पार कर लेगी। 15 दिसंबर तक सरकार ने विनिवेश से 52,389.56 करोड़ रुपए जुटा लिए हैं। आर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर मंत्रालय ने कहा कि दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि के आंकड़ों में सुधार हुआ। जुलाई-सितंबर में GDP की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही। पहली तिमाही में यह तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई थी।
मंत्रालय ने इस साल की कुछ अन्य उपलब्धियों का भी जिक्र किया। इनमें रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति का संस्थानीकरण, विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) को समाप्त करने की मंजूरी, अप्रैल में गांधीनगर की फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट) में देश के पहले अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) का अस्तित्व में आना शामिल है।
मंत्रालय ने इसके अलावा नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों का भी जिक्र किया है। हाल ही में सरकार ने फैसला किया है कि 2,000 रुपए तक के लेनदेन पर डिजिटल तरीके से यानी डेबिट कार्ड के जरिध् किए गए भुगतान पर एमडीआर शुल्क का बोझ खुद उठाएगी। इससे छोटे व्यापारियों को काफी राहत मिली है।