नई दिल्ली। सन 2020 तक भारत के टेलीकॉम सेक्टर में करीब 20 लाख नई नौकरियों के अवसर बनने की उम्मीद है। दुनिया के टॉप टेलीकॉम ग्रुप जीएसएमए (GSMA) के मुताबिक भारतीय टेलीकॉम सेक्टर से सरकार को 2020 तक 1,45,000 करोड़ रुपए मिल सकते हैं। साथ ही, इस सेक्टर में लाखों नौकरियां पैदा होने की संभावना है।
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स्टडी में हुआ खुलासा
- लंदन की इस संस्था का कहना है कि इंडस्ट्री ने 2015 में सरकार को 1,40,000 करोड़ रुपए दिए।
- इसमें जनरल टैक्स के तौर पर 67,000 करोड़ और मल्टी बैंड स्पेक्ट्रम अधिग्रहण से जुड़ा 34,000 करोड़ रुपया शामिल है।
- GSMA के मुताबिक, टैक्स रेट और रेग्युलेटरी फीस मौजूदा स्तर पर रहने की सूरत में जनरल और मोबाइल आधारित टैक्स का सरकार का योगदान बढ़कर 1.45 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा।
- GSMA की स्टडी में कहा गया है, 2015 में मार्केट का ऑपरेटिंग मार्जिन 33 फीसदी रहा जो चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों के मार्केट के औसत से अब भी कम है।
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अगले 4 साल में बनेंगे 20 लाख नौकरियों के अवसर
- 2015 में देश के जीडीपी में टेलीकॉम सेक्टर का योगदान 6.5 फीसदी रहा और इसकी इकनॉमिक वैल्यू तकरीबन 9 लाख करोड़ है।
- देश के संगठित और असंगठित सेगमेंट में टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स और इससे जुड़ा सिस्टम 22 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराता है।
- जीएसएमए के मुताबिक, यह आंकड़ा बढ़कर 30 लाख तक हो सकता है। साथ ही, 2020 तक 20 लाख जॉब के और मौके तैयार हो सकते हैं।
- टेलीकॉम ग्रुप ने यह भी कहा कि भारत में 2020 तक और 33.7 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स जुड़ सकते हैं यानी 2015 से 2020 के दौरान यह ग्रोथ 9 प्रतिशत सीएजीआर रहने का अनुमान है।
जीएसएमए बोर्ड में शामिल है ये कंपनियां
- जीएसएमए के बोर्ड में भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया, आइडिया सेल्युलर और एयरसेल जैसी कंपनियां हैं।