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भारत में 2025 तक 5जी कनेक्शन की संख्या 8.8 करोड़ पहुंचने का अनुमान: जीएसएमए

वैश्विक दूरसंचार उद्योग संगठन (जीएसएमए/GSMA) का अनुमान है कि भारत में 2025 तक अलग अलग मोबाइल ग्राहकों की संख्या 92 करोड़ तक हो जाएगी और उनके पास 8.8 करोड़ 5जी कनेक्शन होंगे।

Edited by: Bhasha
Updated on: June 06, 2019 8:20 IST
GSMA Report expects India may have 8.8 million 5G connections by 2025- India TV Paisa
Photo:SOCIAL MEDIA

GSMA Report expects India may have 8.8 million 5G connections by 2025

नयी दिल्ली। वैश्विक दूरसंचार उद्योग संगठन (जीएसएमए/GSMA) का अनुमान है कि भारत में 2025 तक अलग अलग मोबाइल ग्राहकों की संख्या 92 करोड़ तक हो जाएगी और उनके पास 8.8 करोड़ 5जी कनेक्शन होंगे। संगठन ने यह भी कहा कि मोबाइल डाटा के मामले में भारत दुनिया का सबसे सस्ता बाजार है। मई में जीएसएमए इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 5जी कनेक्शन 2025 तक 8.8 करोड़ पहुंच जाने की संभावना है। इस मामले में भारत, चीन से पीछे होगा जहां 2025 तक करीब 30 प्रतिशत कनेक्शन 5जी प्रौद्योगिकी वाले होंगे। 

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रिपोर्ट के अनुसार 2018 के अंत में मोबाइल कनेक्शन रखने वाले अलग अलग ग्राहकों की संख्या 75 करोड़ के करीब थी। यह संख्या 2025 तक 92 करोड़ पहुंच सकती है। इसमें कहा गया है कि दुनिया के नये मेबाइल ग्राहकों में भारत की हिस्सेदारी करीब एक तिहाई होगी। जीएसएमए अनुमान के अनुसार भारतीय मोबाइल बाजार 2019 की दूसरी छमाही में आय में वृद्धि की राह पर आ जाएगी और 2025 तक इसमें हल्की बढ़ोतरी होगी। इसके बावजूद बाजार आय 2016 के स्तर से कम रहेगी। ट्राई के आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर-दिसंबर 2018 की अवधि में दूरसंचार क्षेत्र की सकल आय एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में 3.43 प्रतिशत गिर कर 58,991 करोड़ रुपए रही। 

2025 तक भारत दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार होगा

संगठन ने यह भी कहा कि वैश्विक मोबाइल डाटा की कीमत को लेकर 2018 की अंतिम तिमाही में किए गए सर्वे के अनुसार 200 देशों में भारत सबसे सस्ता बाजार है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक जीबी डाटा की औसत कीमत इस दौरान 18.5 (0.26 डॉलर) थी जबकि वैश्विक औसत मूल्य 8.53 डॉलर प्रति गीगाबाइट है। कम शुल्क और औसत आय प्रति उपयोगकर्ता (एआरपीयू) से दरें सस्ती है और यह डिजिटल अंतर को पाटने के लिहाज से अहम है। हालांकि निचले स्तर पर यह क्षेत्र की वित्तीय स्थिरता को भी प्रभावित करता है। जीएसएमए ने दूरसंचार कंपनियों की वित्तीय बाधाओं को कम करने के लिये लाइसेंस शुल्क में 8 से कम कर 6 प्रतिशत तथा स्पेक्ट्रम शुल्क को 3-8 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत 2025 तक दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार होगा। 

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