नई दिल्ली। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर इससे पिछली तिमाही के 7.6 प्रतिशत से घटकर जनवरी-मार्च की तिमाही में 7.2 प्रतिशत पर आ जाएगी। हालांकि, सुगम वित्तीय परिस्थितियों की वजह से आगे इसमें सुधार होगा। जापान की वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी नोमूरा की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के प्रभाव की वजह से जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 7.2 प्रतिशत रहेगी, जो अक्टूबर-दिसंबर, 2016 में 7.6 प्रतिशत (संशोधित) रही थी। नोमूरा का अनुमान है कि आगे चलकर वृद्धि दर में सुधार होगा। 2017 की दूसरी छमाही में यह औसतन 7.5 प्रतिशत रहेगी, जबकि 2018 में 7.7 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। यह भी पढ़े: Southwestmonsoon: केरल और नॉर्थ ईस्ट में मानसून ने दी दस्तक, तूफान ‘मोरा’ बांग्लादेश पहुंचा
रिपोर्ट के अनुसार अर्थव्यवस्था में नई करेंसी डालने का काम पूरा होने के बाद मांग बढ़ेगी, वित्तीय स्थिति सुगम होगी। मौद्रिक नीति के मोर्चे पर नोमूरा ने कहा कि रिजर्व बैंक 7 जून की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों पर यथास्थिति कायम रखेगा। हमारा अनुमान है कि 2017 में पूरे साल के दौरान ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति बनी रहेगी और अप्रैल, 2018 में इसमें आधा प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
इस साल अप्रैल में रिजर्व बैंक ने महत्वपूर्ण नीति दर रेपो दर को 6.25 प्रतिशत पर कायम रखा था। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो दर को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6 प्रतिशत किया था।