Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर लुढ़क कर 1.1 % रहने की आशका: SBI

चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर लुढ़क कर 1.1 % रहने की आशका: SBI

वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि घट कर 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: April 16, 2020 20:28 IST
SBI report on Economy- India TV Paisa

SBI report on Economy

नई दिल्ली। देश की जीडीपी वृद्धि दर कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव के कारण चालू वित्त वर्ष में लुढ़क कर 1.1 प्रतिशत तक सीमित रह सकती है। भारतीय स्टैट बैंक की एक शोध रिपोर्ट में यह अनुमान दिया गया है। वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि घट कर 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जबकि कई एजेंसियों ने महामारी से पहले इसके 5 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी थी।

कोरोना वायरस महामारी से दुनियाभर में 20 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और 1.3 लाख लोगों की मौत हुई है। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये सरकार ने ‘लॉकडाउन’ की मियाद 3 मई तक बढ़ा दी है। हालांकि इस दौरान 20 अप्रैल से कुछ क्षेत्रों को थोड़ी राहत दी जाएगी। इससे पहले 25 मार्च से 21 दिन के बंद की घोषणा की गयी थी।

एसबीआई की इकोरैप रिपोर्ट के अनुसार बंद की अवधि बढ़ाये जाने से 12.1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा। रिपोर्ट में कहा गया है अब जबकि बंद की अवधि तीन मई तक के लिये बढ़ा दी गयी है और साथ ही सरकार ने 20 अप्रैल से कुछ छूट दी है, हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 में करीब 12.1 लाख करोड़ रुपये या बाजार मूल्य पर 6 प्रतिशत जीवीए का नुकसान होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि देशव्यापी बंद का विभिन्न वृहत आथिक मानकों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। वर्ष 2017-18 के पीएलएफएस यानि निश्चित अवधि पर होने वाला श्रम बल सर्वेक्षण का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि स्व-रोजगार, नियमित और ठेके पर करीब 37.3 करोड़ कामगार लगे हैं। इसमें स्व-रोजगार वालों की हिस्सेदारी 52 % ठेका कर्मियों की 25 प्रतिशत और शेष नियमित मेहनताना पाने वाले लोग हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इन 37.3 करोड़ कामगारों को बंद के कारण प्रतिदिन करीब 10,000 करोड़ रुपये की आय के नुकसान का अनुमान है। अगर पूरी बंद अवधि को देखा जाए तो यह 4.05 लाख करोड़ रुपये बैठता है। ठेका कामगारों के लिये आय नुकसान कम-से-कम एक लाख करोड़ रुपये बैठता है। अत: कोई भी वित्तीय पैकेज कम-से-कम इस 4 लाख करोड़ रुपये की आय के नुकसान की भरपाई को ध्यान में रखकर होना चाहिए।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement