नई दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमण्यम का अनुमान है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के बावजूद चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर आर्थिक समीक्षा के अनुमान के अनुरूप 11 प्रतिशत रहेगी। सुब्रमण्यम ने सोमवार को कहा कि अर्थव्यवस्था पर दूसरी लहर का प्रभाव बहुत बड़ा नहीं होगा। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने यह पूछे जाने पर कि महामारी की दूसरी लहर के बावजूद क्या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का आर्थिक समीक्षा का लक्ष्य हासिल हो पाएगा, कहा कि हम उसी दायरे में रहेंगे। आर्थिक समीक्षा 2020-21 जनवरी में जारी की गई थी। इसमें अनुमान लगाया गया है कि 2021-22 में जीडीपी की वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहेगी।
समीक्षा में कहा गया था कि वृद्धि को सुधारों और नियमनों में ढील के जरिये आपूर्ति पक्ष को समर्थन से मदद मिलेगी। साथ ही इसे बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश, विनिर्माण के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना, दबी मांग, विवेकाधीन खर्च में बढ़ोतरी तथा टीकाकरण से भी मदद मिलेगी। सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘इस साल हम ऊंची वृद्धि दर हासिल करेंगे। इस साल की वृद्धि दर पिछले साल के निचले आधार प्रभाव की वजह से हासिल होगी। लेकिन हम 2022-23 में 6.5 से 7 प्रतिशत की वृद्धि दर की उम्मीद कर रहे हैं।’’
भारतीय निर्माण उपकरण विनिर्माता संघ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘वृद्धि को विभिन्न संरचनात्मक सुधारों मसलन श्रम और कृषि कानूनों से समर्थन मिलेगा।’’ सीईए ने कहा कि भविष्य की वृद्धि मुद्रास्फीति के साथ नहीं होगी। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान भारत ने संरचनात्मक सुधारों के जरिये विभिन्न आपूर्ति पक्ष की दिक्कतों को दूर किया है।
बजट लक्ष्य के बारे में उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में खर्च को पूरा किया जाएगा। वित्त मंत्री ने विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों से अपनी पूंजीगत खर्च योजना का व्यय पहले ही करने को कहा है। आम बजट 2021-22 में 5.54 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है। यह 2020-21 के बजट अनुमान से 34.5 प्रतिशत अधिक है।