चंडीगढ। पहले टमाटर फिर प्याज और अब मटर की कीमतें आम आदमी की मुश्किलें बढ़ा रही है। पिछले दिनों मौसम का पारा गिरते ही मटर की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं। मंडियों में मटर के दाम अपने उच्चतम स्तर 160 रुपए प्रति किलो पहुंच गए है। दरअसल बदलते मौसम के कारण सप्लाई बाधित हो रही है। जिसकी वजह से उत्तर भारत के तमाम राज्यों में सब्जियों के दाम चढ़ने लगे हैं। चंडीगढ़ सहित पंजाब और हरियाणा में हरी मटर और टमाटर जैसी सब्जियों की कीमतोंं में भारी उछाल दर्ज किया गया है। व्यापारियों ने बताया कि मटर के भाव चढ़कर अब तक के उच्चतम स्तर 160 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। वहीं, खुदरा बाजारों में टमाटर के भाव 40 रुपए प्रति किलो से चढ़कर इस 60 रुपए प्रति किलो हो गए हैं।
एक हफ्ते में 60 रुपए महंगी हुई मटर
कारोबारियों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश से कम सप्लाई का असर सब्जियों के भावों पर पड़ा है। सप्लाई कमजोर होने के कारण एक हफ्ते पहले 90-100 रुपए किलो बिकने वाली मटर 160 रुपए प्रति किलो बिक रही है। वहीं, इसी दौरान टमाटर की कीमतों में करीब में 20 रुपए का उछाल दर्ज किया गया है। कारोबारियों ने कहा कि गाजर, नींबू, फली जैसी कमोडिटी के भाव भी तेजी से बढ़े हैं। हालांकि प्याज के भाव 50 रुपए से घटकर 40 रुपए प्रति किलो हो गए हैं।
पहले से ही रुला रही है प्याज और दाल की कीमतें
गौरतलब है कि देश में उत्पादन घटने और डिमांड के मुकाबले सप्लाई में गैप के कारण दिल्ली में प्याज की कीमतें 100 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई थीं। इसके बाद बाद सरकार ने प्याज आयात किया, सस्ते दाम पर केंद्रीय भंडार पर बेचा, जिसके बाद कीमतें काबू में आई है। कुछ ऐसा हाल दलहन की कीमतों में भी देखने को मिला था। कई शहरों में तो अरहर दाल की कीमतें 250 रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई थी।