इंदौर। मध्य प्रदेश में मिर्च की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है क्योंकि ज्यादा उत्पादन के चलते इस मसाला फसल के थोक दाम इस कदर गिर गए हैं कि उनके लिए इसके उत्पादन और इसे खेत से तुड़वाने की लागत निकालना मुश्किल हो रहा है। राज्य के सबसे बड़े मिर्च उत्पादक निमाड़ अंचल के खरगोन जिले के गजानंद यादव इन किसानों में शामिल हैं, जिन्होंने पांच एकड़ में मिर्च बोई है। उन्होंने मंगलवार को बताया कि इस वक्त हरी मिर्च का थोक खरीदी मूल्य 11 से 12 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच चल रहा है, जबकि हमें एक किलोग्राम मिर्च उगाने में करीब आठ रुपये की लागत आती है और मजदूर इसे खेत से तोड़ने के बदले पांच रुपये किलोग्राम का मेहनताना लेते हैं।
यादव ने बताया कि पिछले साल किसानों को एक किलोग्राम हरी मिर्च के बदले 42 रुपये तक का ऊंचा दाम मिला था और इसे देखते हुए वर्तमान सत्र में इसकी खेती के प्रति उनका आकर्षण बढ़ गया। उद्यानिकी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में हरी मिर्च का ज्यादा उत्पादन होने से इसके थोक दाम गिर गए हैं, लेकिन आने वाले दिनों में जब यह सूख कर लाल हो जाएगी तो किसानों को इसका बेहतर मूल्य मिलने की उम्मीद है।
पश्चिमी मध्यप्रदेश के निमाड़ अंचल की गिनती देश के प्रमुख मिर्च उत्पादक क्षेत्रों में होती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सूबे में फिलहाल सालाना मिर्च उत्पादन करीब 2.18 लाख टन के स्तर पर है। इसमें निमाड़ अंचल के पांच जिलों-खरगोन, धार, खंडवा, बड़वानी और अलीराजपुर का 54,451 टन मिर्च उत्पादन शामिल है। यानी सूबे के कुल मिर्च उत्पादन में अकेले निमाड़ अंचल की भागीदारी 25 प्रतिशत है।
मप्र सरकार ने 17 महीने में 384 औद्योगिक इकाइयों को 840 एकड़ जमीन आवंटित की
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पिछले 17 महीने में प्रदेश में 384 औद्योगिक इकाइयों को 840 एकड़ भूमि आवंटित की गई। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में अनुमानित 11,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा। मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के बावजूद पिछले 17 महीनों में प्रदेश में 384 इकाइयों को 840 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। इससे 11 हजार करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होगा और 22 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
चौहान ने यह भी कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस संकट की परिस्थितियों के बावजूद औद्योगिक इकाइयों में 48 प्रतिशत, भूमि आवंटन में 32 प्रतिशत, पूंजी निवेश में 33 प्रतिशत और रोजगार सृजन में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि गोकुलदास एक्सपोर्ट्स द्वारा प्रस्तावित इकाई 10 एकड़ भूमि पर बनाई जाएगी तथा कंपनी द्वारा यहां 110 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। जिससे चार हजार से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही इस संयंत्र में तीन चौथाई से अधिक कर्मचारी महिलाएं होगीं। इस इकाई से कुल मिलाकर लगभग दस हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र 146 हेक्टेयर भूमि पर विकसित किया गया है। यहां टेक्सटाइल पार्क में 154 भूखंड है जिनमें उद्योग स्थापित करने के लिए 800 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश की संभावना है।
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