नई दिल्ली। केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि देश में 34 सौर पार्कों की मंजूरी दी गई है और वर्ष 2022 तक देश में एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है, जो कुल ऊर्जा का करीब 20 प्रतिशत होगा।
गोयल ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार का 2022 तक देश में एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है, जो कुल ऊर्जा का करीब 20 प्रतिशत होगा। इसमें से 42,000 मेगावाट सौर ऊर्जा रूफटॉप सौर ऊर्जा उत्पादन कार्यक्रम से पैदा की जाएगी।
- मंत्री के मुताबिक प्रारंभिक चरणों में रूफटॉप सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सरकारी संस्थानों की छतों का इस्तेमाल करने का विचार है।
- उन्होंने कहा कि सरकार की अनुपयोगी, बंजर और रेगिस्तानी भूमि का इस्तेमाल सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए करने की योजना है।
- उन्होंने बताया कि देश में 34 सौर पार्कों की मंजूरी दी गई है और सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए राज्यों से भी बात हो रही है।
- सरकार की सोच है कि कृषि भूमि का इस्तेमाल सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए नहीं किया जाएगा।
- सरकार ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए दो तरह की योजनाओं की घोषणा की है।
- इनमें रूफटॉप पीवी और लघु सौर ऊर्जा उत्पादन कार्यक्रम (आरपीएसएसजीपी) योजना तथा डिमांस्ट्रेशन सोलर जीबीआई योजना हैं।
- आरपीएसएसजीपी के लिए क्रियान्वयन एजेंसी के तौर पर भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (आईआरईडीए) काम करेगी।
- सौर ऊर्जा परियोजनाओं में प्रति पांच मेगावाट उत्पादन के लिए करीब पांच एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है।
- इस उद्देश्य से निजी और राजस्व वाली भूमि उपयोग में लाई जा सकती है।
- पर्याप्त सौर विकिरण वाली भूमि का अधिग्रहण चुनौती वाला काम है।
- जिससे निपटने के लिए सरकार ने सौर पार्कों और अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाओं की, देश में सौर क्षेत्रों के विकास की तथा रूफटॉप सौर परियोजनाओं की शुरुआत की है।