नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि उन्होंने भारत में कोविड-19 के प्रकोप को रोकने के संबंध में विभिन्न उद्योग संगठनों से सलाह ली है और केंद्र सरकार, राज्यों के साथ मिलकर लोगों की जान और आजीविका बचाने के लिए काम करती रहेगी। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से देश की अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान से बचने के लिए कारोबारियों से सुझाव भी मांगे। कोरोना वायरस महामारी के चलते पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली थी।
वित्त मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘इन व्यवसायियों और उद्योग संगठनों के प्रमुखों में से प्रत्येक के साथ टेलीफोन पर बात की। उद्योग और उद्योग संघों से जुड़े मामलों पर उनकी राय ली। उन्हें बताया कि भारत सरकार विभिन्न स्तर पर कोविड की रोकथाम कर रही है। जीवन और आजीविका बचाने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’’
वित्त मंत्री ने सीआईआई प्रमुख उदय कोटक, फिक्की के अध्यक्ष उदय शंकर और एसोचैम के अध्यक्ष विनीत अग्रवाल सहित उद्योग संघों के प्रमुखों से बात की। इसके अलावा उन्होंने टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन, एलएंडटी के अध्यक्ष ए एम नाइक, टीसीएस के प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन, मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव, टीवीएस समूह के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन और हीरो मोटो कॉर्प के प्रबंध निदेशक पवन मुंजाल सहित कई कारोबारी प्रमुखों से कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर बात भी की। वित्त मंत्री ने पिछले हफ्ते साफ किया था कि सरकार बड़े पैमाने पर लॉकडाउन नहीं लगाएगी और सिर्फ कोविड-19 की श्रृंखला को तोड़ने के लिए स्थानीय स्तर पर रोकथाम का सहारा लिया जाएगा।
सरकार ने कोरोना संकट से निपटने के लिए बीते साल पूर्ण लॉकडाउन लगाया था। हालांकि इसका देश की आर्थिक सेहत पर काफी बुरा असर पड़ा था। ऐसे में इस बार सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि उद्योगों की रफ्तार पर असर डाले बिना कोरोना संकट से निपटा जाए। इसलिए सरकार पूर्ण लॉकडाउन की बात नहीं कर रही है, और जरूरत के आधार पर राज्य सरकारें क्षेत्रीय या सप्ताहांत प्रतिबंधों को लगा रही हैं।