Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. पब्लिक सेक्‍टर बैंकों की हालत सुधरने के बाद ही हो उनमें हिस्सेदारी की बिक्री : जेटली

पब्लिक सेक्‍टर बैंकों की हालत सुधरने के बाद ही हो उनमें हिस्सेदारी की बिक्री : जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार सार्वजनिक बैंकों में अपनी हिस्सेदारी कम करके 52% तक कर सकती है लेकिन यह कदम बैंकों की हालत सुधरने के बाद उठाया जाएगा

Manish Mishra
Updated on: May 08, 2017 16:35 IST
पब्लिक सेक्‍टर बैंकों की हालत सुधरने के बाद ही हो उनमें हिस्सेदारी की बिक्री : जेटली- India TV Paisa
पब्लिक सेक्‍टर बैंकों की हालत सुधरने के बाद ही हो उनमें हिस्सेदारी की बिक्री : जेटली

टोक्यो। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि सरकार पब्लिक सेक्‍टर बैंकों में अपनी हिस्सेदारी को कम करके 52 प्रतिशत तक कर सकती है लेकिन यह कदम इन बैंकों की हालत सुधरने के बाद उठाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में जो धन मिलेगा उसका इस्‍तेमाल उन बैंकों की पूंजी बढ़ाने में किया जाएगा।

जेटली ने उम्मीद जताई कि फंसे कर्जों (NPA) की बढ़ती समस्या के समाधान के लिए सरकार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को दिए गए नए अधिकार के बाद इसका हल निकलेगा। RBI को अधिकार दिया जा रहा है कि वह बैंकों को ऋण चूककर्ताओं के खिलाफ दिवाला शोधन कानून के तहत कार्रवाई करने का आदेश दे सके। केंद्रीय बैंक गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) की वसूली के लिए बैंकों को सलाह देने वाली समितियां भी बना सकता है।

यह भी पढ़ें : होम लोन ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी, 30 लाख तक के लोन पर SBI ने घटाई ब्‍याज दरें

उन्होंने कहा, हमने पहले से ही एक कार्यक्रम चला रखा है जिसमें हम बैंकों के पुनर्पूंजीकरण में मदद दे रहे हैं। जहां सरकार की ओर से अधिक फंड की दरकार है, वहां हम उस पर विचार करने को पूरी तरह तैयार हैं। यहां सीआईआई-कोटक के निवेशक गोलमेज सम्मेलन में जेटली ने कहा, लेकिन हमने घोषणा की है कि एक बार बैंक अपनी हालत खुद से सुधार कर लेंगे तो, सरकार उनमें अपनी हिस्सेदारी घटाकर 52 प्रतिशत तक ला सकती है और इसका उपयोग बैंकों के पुनर्पूंजीकरण में किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें : देश के पांच शहरों में रोजाना बदल रहे हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, चार दिनों से कीमतों में गिरावट जारी

मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 10,000 करोड़ रुपए की पूंजी डालने का बजटीय प्रबंधन किया है। पिछले साल 25,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। सरकारी बैंकों को पर्याप्त पूंजी आधार के संबंध में बेसल 3 मानकों को पूरा करने के लिए अगले दो साल में 80,000 करोड़ रुपए की शेयर पूंजी जुटानी होगी। जेटली ने कहा कि NPA की समस्या कुछ प्रकार के खातों तक सीमित है। इन खातों की संख्या ज्यादा नहीं है पर इसमें राशि बड़ी है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement