नई दिल्ली। सरकार देश के विभिन्न हिस्सों में दवा माफिया का दबदबा समाप्त करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने आज कहा कि मार्च तक 3,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य है, जिससे लोगों को गुणवत्ता वाली दवाएं उचित मूल्य पर उपलब्ध कराई जा सकें।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत सरकार ने अभी तक 777 जन औषधि स्टोर खोले हैं, जहां 600 से अधिक दवाएं और 150 चिकित्सा उपकरण बेचे जाते हैं। यह योजना 2008 में शुरू की गई थी। भारत में फार्मा पीएसयू ब्यूरो (बीपीपीआई) इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन की नोडल एजेंसी है।
कुमार ने यहां राष्ट्रीय युवा सहकारी सोसायटी (एनवाईसीएस) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा,
दुर्भाग्य से भारत में विभिन्न इलाकों में दवा माफिया का दबदबा है। यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम देश को दवा माफिया से मुक्त कराएं।
- उन्होंने कहा कि सरकार देश में दवा माफिया के दबदबे को समाप्त करने को प्रतिबद्ध है।
- पिछले महीने सरकार ने एनवाईसीएस के साथ 1,000 जन औषधि केंद्र खोलने के लिए करार किया था।
- उन्होंने कहा कि देश में फार्मा इंडस्ट्री सालाना 2 लाख करोड़ रुपए मूल्य की दवाओं का उत्पादन करती है।
- इसमें से आधी दवाओं का इस्तेमाल घरेलू बाजार में किया जाता है।
- कुमार ने उम्मीद जताई कि फार्मा इंडस्ट्री का टर्नओवर जल्द ही 3 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच जाएगा।