नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकारी बैंकों में इंटीग्रेशन और मजबूती का पक्ष लिया। उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के विलय के मुद्दे को ही देख रही है। इस संबंध में कोई निर्णय जल्द ले लिया जाएगा। एसबीआई इस विलय के बाद 37,00,000 करोड़ रुपए के संपत्ति आधार और 50 करोड़ से अधिक ग्राहकों वाला विशालकाय बैंक बन जाएगा।
जेटली ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ हुई बैठक के बाद कहा, हम फिलहाल स्टेट बैंक के प्रस्ताव को देख रहे हैं। यह सरकार के पास है और इस पर प्रतिक्रिया देंगे। सरकार की नीति काफी कुछ एकीकरण का समर्थन करने की है। बजट में भी हमने इसका संकेत दिया है। सरकार की तरफ से मंजूरी कब मिलने की उम्मीद है, हम इसे जल्द ही मंजूरी की उम्मीद कर रहे हैं। पिछले माह ही स्टेट बैंक ने अपने सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के विलय का प्रस्ताव आगे बढ़ाया था। सार्वजनिक क्षेत्र के इस सबसे बड़े बैंक ने विलय पर सरकार की मंजूरी मांगी है।
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भारतीय स्टेट बैंक के पांच सहयोग बैंक हैं। इनमें स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद शामिल हैं। इनमें से तीन सहयोगी बैंक -स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर शेयर बाजार में लिस्टेड हैं। स्टेट बैंक में इससे पहले 2008 में इसके एक सहयोगी बैंक स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र का विलय किया गया। दो साल बाद इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का किया गया।