नई दिल्ली। सरकार ने स्टार्टअप और एंजल निवेशकों के समक्ष आ रही कराधान संबंधी दिक्कतों पर गौर करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्णय किया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। सीबीडीटी ने कहा कि इस तरह की कंपनियों के खिलाफ आयकर के आकलन के आधार पर मांग की पूर्ति के लिए कोई जबरन कदम नहीं उठाया जाएगा।
राजस्व विभाग के सचिव अजय भूषण पांडेय, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव रमेश अभिषेक और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयमैन सुशील चंद्रा की उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।
सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि प्रीमियम के मुद्दे समेत इन स्टार्टअप की पहचान के मुद्दे पर प्रसिद्ध विशेषज्ञों की एक समिति के सुझावों के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। इस समिति में आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसे जल्दी ही डीआईपीपी द्वारा गठित किया जाएगा।
सीबीडीटी ने कहा कि विशेषज्ञों की समिति पहचाने गए स्टार्टअप के मामलों पर सुझाव देगी। उसने कहा कि इसं संबंध में डीआईपीपी द्वारा जल्दी ही अधिसूचना जारी की जाएगी। सीबीडीटी ने कहा कि वह भारत में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उसने कहा, वह मानता है कि स्टार्टअप से देश में काफी नवोन्मेष आने वाला है अत: उन्हें हर संभव तरीके से समर्थन दिया जाना चाहिए।