नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि सरकार 3 महीने की समय सीमा के भीतर व्यवसायों को जरूरी मंजूरी देने के लिए एक समिति का गठन करेगी, ताकि एमएसएमई में विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सके। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने बताया कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को पहले ही नियुक्त किया जा चुका है।
गडकरी ने कहा, ‘‘हम एक समिति बनाने जा रहे हैं, जहां हम तीन महीने के भीतर सभी प्रकार की मंजूरी दे देंगे और साथ ही कोई लालफीताशाही नहीं होगी, पूर्ण पारदर्शिता होगी, समयबद्ध तरीके से निर्णय लिए जाएंगे, गुणात्मक दृष्टिकोण होगा और कोई भ्रष्टाचार नहीं होगा।’’ इससे पहले दिन में दलित इंडस्ट्रीज चेम्बर आफ कामर्स आफ इंडिया को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार जगह जगह औद्योगीकरण को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है तकि उद्योगों का विकेंद्रीकरण हो। उन्होंने ऐसी नीतियां बनायी जा रही है कि पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों में निवेश अधिक आकर्षक हो सके। गडकरी ने बताया कि वह दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियरे में चर्म उद्योग संकुल स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई में धारावी में रहने वाले लोगों को सरकार भूखंड और मकान देगी । वहां स्मार्ट सिटी का विकास होगा और उसे हवाई अड्डा, बंदरगाह और रेलवे स्टेशन जैसी सुविधाओं के साथ जेाड़ा जाएगा। उन्होंने चमड़ा उद्यमियों से कहा कि वे महाराष्ट्र सरकार की मदद से इस पहल को आगे बढाएं। गडकरी ने धारावी की स्थिति को गंभीर बताते हुए वहां के लो्गों को बाहर बसने का आह्वान किया।