नयी दिल्ली। केंद्र चालू वर्ष में व्यावसायिक महत्व की विश्व स्तर पर लोकप्रिय 10 विदेशी फलों के उत्पादन के विस्तार के साथ -साथ अधिक पोषक तत्व वाले विशेष स्वदेशी फलों के उत्पादन को बढ़ावा देगा। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। तोमर ने फलों और सब्जियों के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के उपलक्ष्य में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘चालू वर्ष के दौरान, विदेशी फलों के लिए 8,951 हेक्टेयर और विशिष्ट स्वदेशी फलों के लिए 7,154 हेक्टेयर रकबे में खेती की जायेगी।’’
एक सरकारी बयान में तोमर के हवाले से कहा गया है कि राज्य सरकारों को इन फसलों के क्षेत्र विस्तार के लिए वर्ष 2021-22 का लक्ष्य दिया गया है। इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के सहयोग से किया था। तोमर ने आगे कहा कि भारत बागवानी फसलों का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश को कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ खाद्य प्रसंस्करण क्रांति और मूल्यवर्धन की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की वकालत की है। भारत वैश्विक फल और सब्जी उत्पादन का लगभग 12 प्रतिशत हिस्से का उत्पादन करता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में देश का बागवानी उत्पादन रिकॉर्ड 32 करोड़ 98.
6 लाख टन था, जो पिछले वर्ष के 32 करोड़ 7.7 लाख टन से अधिक था।
मंत्री ने आशा व्यक्त की कि भारत विशेष भोजन के रूप में नहीं बल्कि दैनिक आवश्यकता के रूप में गरीब से गरीब व्यक्ति की थाली में फल और सब्जियां पहुंचाने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। इस कार्यक्रम में कृषि सचिव संजय अग्रवाल और भारत में एफएओ के प्रतिनिधि टोमियो शिचिरी भी मौजूद थे।