कोलकाता: सरकार कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के अनुमान के आधार पर घोषणा करने के बजाय इसके छह सप्ताह के संक्रमण आंकड़ों की करीब से निगरानी करने के बाद ही आर्थिक स्तर पर कोई कदम उठाना चाहेगी। वित्त मंत्रालय में प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने यह कहा। सान्याल का यह बयान सरकार की कोरोना काल के दौरान कमजोर योजनाओं को लेकर हो रही आलोचना के बीच आया है।
सान्याल ने एमसीसीआई के एक परिचर्चा सत्र में कहा, ‘‘हम अनिश्चितता में कयास लगा रहे हैं। तीसरी लहर आ सकती है लेकिन हम नहीं जानते कि यह किस तरह से आगे बढ़ेगी। एक नीतिनिर्माता होने के नाते हमें तीसरी लहर के खिलाफ कुछ कदम उठाने की आवश्यकता है और हम जरूरत पड़ने पर कुछ मौद्रिक और राजकोषीय उपाय करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसके लिये हमें छह सप्ताह तक उच्च आवृति वाले आंकड़ों को सावधानी पूर्वक देखना होगा और इसके व्यवहार को लेकर पहले से कुछ निष्कर्ष पर पहुंचने के बजाय परीक्षण और जांच की निगरानी करनी होगी।’’
तीसरी लहर से अर्थव्यवस्था के समक्ष खतरे को देखते हुये संभावित उपायों के बारे में सान्याल ने कहा कि ये हस्तक्षेप क्षेत्र विशेष पर आधारित हो सकते हैं। इन्हें सामान्य धारणा के बजाय वास्तविक स्थिति को देखते हुये किया जायेगा। सरकार कल्पना के बजाय वास्तविक आंकड़ों के आधार पर त्वरित कदम उठाना पसंद करेगी।