नई दिल्ली। बुधवार की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। इसी बैठक में सरकार ने बेनामी लेनदेन पर प्रभावी तरीके से रोक लगाने के प्रयासस्वरूप बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन विधेयक 2015 में और संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इन संशोधनों का मकसद विधेयक के प्रावधानों को कानूनी और प्रशासनिक लिहाज से और मजबूत करना है ताकि विधेयक के कानून बनने के बाद इसके प्रावधानों को लागू करने में आने वाली व्यावहारिक परेशानियों को दूर किया जा सके।
डीबीटी योजना से दो साल में एलपीजी सब्सिडी में 21,000 करोड़ रुपए की बचत
इस विधेयक के पीछे मकसद बेनामी लेनदेन अथवा कारोबार को प्रभावी ढंग से रोकना और अनुचित तरीके से कानून को धोखा देने पर लगाम लगाना है। यह सरकार को तय प्रक्रिया अपनाते हुये बेनामी संपत्ति को जब्त करने का अधिकार देता है। इससे सभी नागरिकों के बीच समानता को बढ़ावा मिलेगा। जो लोग बेनामी संपत्ति की घोषणा वर्तमान में जारी आय घोषणा योजना के तहत कर देंगे उन्हें बेनामी कानून से माफी दी जाएगी।
अंबुजा को मिली होलसिम में 24 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति
सरकार ने अंबुजा सीमेंट के उस प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी, जिसमें उसने अपनी अंशधारक फर्म होलसिम इंडिया में 24 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण की योजना पेश की थी। अंबुजा सीमेंट्स यह हिस्सेदारी होल्डइंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड से खरीदेगी। इसके साथ ही सीसीईए ने शेयरों की अदला बदली के जरिए उल्टे विलय को भी मंजूरी दी है। इससे 3500 करोड़ रुपए का बहिर्प्रवाह होगा। उल्लेखनीय है कि अंबुजा सीमेंट दुनिया की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी लाफार्जहोलसिम की अनुषंगी है।
कोचीन शिपयार्ड पर 1,799 करोड़ रुपए की लागत से नए शुष्क गोदी को मंजूरी
सरकार ने जहाज निर्माण और मरम्मत क्षमता को बढ़ाने के लिए कोचीन शिपयार्ड लि. पर 1,799 करोड़ रुपए की लागत शुष्क गोदी बनाने को मंजूरी दे दी। पोत परिवहन मंत्रालय ने बयान में कहा कि इसका उद्देश्य जहाज निर्माण और जहाज मरम्मत की क्षमता को बढ़ाना है तथा यह सरकार के मेक इन इंडिया अभियान की दिशा में उठाया गया कदम है। इस परियोजना के परिचालन में आने के साथ प्रत्यक्ष रूप से 300 तथा परोक्ष रूप से 2,000 रोजगार सृजित होंगे।