नई दिल्ली। मोदी सरकार एक ऐसा मास्टर एप्लीकेशन लॉन्च करने की तैयारी में है, जो सभी एप की मां होगी। इस सिंगल एप में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की 200 से ज्यादा सर्विस को एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया जाएगा। पासपोर्ट सर्विस से लेकर इनकम टैक्स, रेलवे टिकट बुकिंग से लेकर लैंड रिकॉर्ड तक सरकार एक ऐसे मोबाइल एप्लीकेशन प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जो ऐसी ही 200 से अधिक सरकारी सेवाओं को एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराएगा।
यूनीफाइड मोबाइल एप्लीकेशन फॉर न्यू एज गवर्नेंस (UMANG) प्रोजेक्ट को भारत के स्मार्टफोन बूम को देखते हुए तैयार किया गया है और इस पर पिछले आठ माह से काम चल रहा है। यह प्रोजेक्ट संचार और सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय के ई-गवर्नेंस डिवीजन द्वारा विकसित किया जा रहा है। वर्तमान में इस प्रोजेक्ट के विकास और इसे प्रभावी ढंग से चालू करने के लिए पार्टनर एजेंसी की तलाश की जा रही है। इसके लिए सरकार ने टेंडर भी जारी किया है।
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ई-गवर्नेंस डिवीजन के एक अधिकारी के मुताबिक भारत में हर किसी के पास एक स्मार्टफोन है और वह मोबाइल पर इंटरनेट का उपयोग कर रहा है। इसलिए सरकार का लक्ष्य है कि नागरिकों को जहां वे हैं, उन्हें वहीं सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं। सरकारी दफ्तरों में कभी खत्म न होने वाले इंतजार के बजाये अब यूजर्स एक सेंट्रालाइज्ड मोबाइल एप के जरिये 13 भाषाओं में विभिन्न सेवाओं तक आसानी से पहुंच सकेंगे। जिन यूजर्स के पास स्मार्टफोन नहीं है, वह इन सेवाओं तक एसएमएस और एक सिंगल टोल-फ्री नंबर के जरिये पहुंच सकेंगे।
उमंग पर सेवाओं की एक सांकेतिक सूची
- नेशनल स्कॉलरशिप
- महिला सुरक्षा (निर्भया)
- स्वास्थ्यदेखभाल आवेदन
- क्राइम और क्रिमीनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम
- पासपोर्ट सेवा
- इनकम टैक्स
- सीबीएसई/राज्य शिक्षा बोर्ड
- ई-म्यूनीसिपल्टी
- आईआरसीटीसी
- यूटीलिटी बिल्स
- कमर्शियल टैक्स/जीएसटी
- पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम
- ई-कोर्ट
- लैंड रिकॉर्ड्स
- पीएफ/एनपीएस
- मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग
- ट्रांसपोर्ट-वाहन/सारथी
- एम-किसान
पहले साल मिलेंगी 50 सेवाएं
इस एप के शुरू होने के एक साल के भीतर उमंग प्लेटफॉर्म पर 50 सेवाओं को उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। तीसरे साल तक सेवाओं की संख्या को बढ़ाकर 200 किया जाएगा। इनमें से कुछ सेवाएं राज्य और स्थानीय सरकार की शामिल की जाएंगी, लेकिन प्लेटफॉर्म को विकसित और संचालन केंद्र सरकार करेगी। हालांकि, राज्य सरकारें इस एप के जरिये अपनी सेवाओं की ब्रांडिंग कर सकेंगी।
इसमें हैं चुनौतियां बड़ी
अधिकारी के मुताबिक विभिन्न सरकारी विभागों को इस प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए मनाना आसान काम नहीं होगा। यह एक बड़ी चुनौती है। लेकिन एक बार इस प्लेटफॉर्म के चालू होने पर विभाग को उम्मीद है कि मजबूत यूजर आधार और उमंग की कार्यकलापों को देखते हुए तमाम विभाग इससे जुड़ेंगे।
हर चीज के लिए बस एक एप
उमंग में मौजूदा सेवाएं जैसे आधार फॉर ऑथेंटिकेशन, ऑलनाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म पेगोव और सरकार का क्लाउड आधारित डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम डिजीलॉकर भी इसके साथ जोड़े जाएंगे। इसका मतलब यह हुआ कि एक यूजर्स सरकारी सेवाओं के लिए आवेदन, अपनी पहचान को प्रमाणित, जरूरी दस्तावेज उपलब्ध और पूरी प्रक्रिया के लिए भुगतान स्मार्टफोन पर केवल एक ऐप के जरिये कर सकेगा।
सुरक्षा और प्राइवेसी का भी रखा गया है ध्यान
अधिकारी ने बताया कि उमंग में जानकारी से जुड़ी सुरक्षा और प्राइवेसी मुद्दे का विशेष ध्यान रखा गया है। स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं कि प्रत्येक विभाग या मंत्रालय केवल अपना स्वयं का डाटा देख पाएंगे। उमंग में कोई डाटा स्टोर नहीं किया जाएगा, यह केवल एक एग्रीगेटर की तरह काम करेगा। यह प्रत्येक विभाग के बैकएंड डाटाबेस से जुड़ेगा।