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MSME नीति इस साल के अंत तक, खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री बढ़कर 37,935 करोड़ रुपए पर पहुंची

सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (MSME) क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय नीति इस साल के अंत तक जारी होने की उम्मीद है।

Abhishek Shrivastava
Published : June 01, 2016 18:59 IST
MSME नीति इस साल के अंत तक, खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री बढ़कर 37,935 करोड़ रुपए पर पहुंची
MSME नीति इस साल के अंत तक, खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री बढ़कर 37,935 करोड़ रुपए पर पहुंची

नई दिल्ली। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (MSME) क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय नीति इस साल के अंत तक जारी होने की उम्मीद है। इससे पूरे क्षेत्र की वृद्धि को प्रोत्साहन देने में मदद मिलेगी। MSME मंत्री कलराज मिश्र ने कहा कि पूर्व कैबिनेट सचिव प्रभात कुमार की अध्यक्षता वाली समिति नीति का मसौदा तैयार कर रही है। हम 31 अक्‍टूबर तक रिपोर्ट की उम्मीद कर रहे हैं। इसके बाद इसे जारी किया जाएगा।

मिश्र ने  कहा कि प्रस्तावित नीति के लिए समिति कुछ और अंशधारकों से मिलेगी। वे अन्य देशों की नीतियों को भी देख रहे हैं। उन्होंने अपने मंत्रालय की दो साल की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, हम MSME क्षेत्र पर विस्तृत नीति चाहते हैं। उन्होनें कहा कि इस माह के अंत तक एक समिति गठित की जाएगी, जो बीमार MSME इकाइयों के पुनरोद्धार और पुनर्वास को देखेगी। फिलहाल MSME के विकास के लिए कोई एकीकृत नीति नहीं है, जबकि देश के विनिर्माण में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी 45 फीसदी तथा निर्यात में 40 फीसदी है।

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खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री में बढ़ोतरी के बारे में मिश्र ने कहा कि 2015-16 में यह बढ़कर 37,935 करोड़ रुपए पर पहुंच गई, जो 2014-15 में 33,136 करोड़ रुपए थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खादी उत्पादों के इस्तेमाल की अपील से निश्चित रूप से इनकी बिक्री बढ़ाने में मदद मिली है। हमने गुणवत्ता में सुधार किया है और नए उत्पाद पेश किए हैं। मिश्र ने कहा कि युवा वर्ग ऐसे उत्पादों में काफी रुचि दिखा रहा है।

मंत्रालय MSME इकाइयों से खरीद बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों से भी बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन इकाइयों में बेहतर उत्पाद समय पर उत्पादित करने की क्षमता है। इन इकाइयों को बैंक ऋण के बारे में पूछे जाने उन्होंने कहा कि MSME बैंक ऋण पाने में समस्या की शिकायत करते हैं। हम इन मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं।

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