नई दिल्ली। दालों की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने और आम जनता को महंगाई से राहत देने के लिए सरकार पूरे प्रयास कर रही है। सरकार इस सीजन में किसानों से बाजार मूल्य पर 40 हजार टन दालों की खरीद करेगी। इसकी मदद से बफर स्टॉक बनाया जाएगा और बढ़ती कीमतों को नियंत्रित किया जाएगा। केंद्र सरकार ने को-ऑपरेटिव नाफेड से नई फसलों के आने पर उनकी खरीद शुरू करने के लिए कहा है।
30 हजार टन तुअर दाल की खरीद
कृषि राज्य मंत्री संजीव कुमार बालयान ने बताया कि नाफेड 30 हजार टन तुअर और 10 हजार टन उड़द दाल की खरीद करेगा। इनकी खरीद नवंबर से नई फसल बाजार में आने पर शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसका उपयोग बफर स्टॉक बनाने में किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर कभी भी इन्हें बाजार में उपलब्ध कराया जा सकेगा। इससे ट्रेडर्स कीमतों में कृत्रिम वृद्धि नहीं कर पाएंगे।
किसानों को भी होगा फायदा
बालयान ने बताया कि इन दालों की खरीद बाजार मूल्य पर की जाएगी, जिससे किसानों को भी इसका फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि आगे दालों की कीमतें और बढ़ने की संभावना नहीं है क्योंकि सरकार बफर स्टॉक तैयार कर रही है और इनकी आपूर्ति खुले बाजार में की जाएगी।
1.832 करोड़ टन दाल उत्पादन संभावित बालयान ने कहा कि इस साल देश में 1.832 करोड़ टन दालों का उत्पादन होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि दालों की कीमतें आपूर्ति के कारण नहीं बल्कि कृत्रिम कारणों की वजह से बढ़ी हैं। बालयान ने बताया कि इस साल (अप्रैल-मार्च) दालों का आयात घटकर 41 लाख टन रह सकता है। 2014-15 में 45.8 लाख टन दालों का आयात किया गया था। इस साल दालों का उपभोग 2.2 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
सरकारी अनुमान से ज्यादा बढ़ी कीमतें
बालयान ने कहा कि पिछले साल देश में दालों का उत्पदान कम हुआ था, जो कि सरकारी अनुमानों के मुताबिक था। लेकिन सरकार ने यह उम्मीद नहीं की थी कि दालों की कीमतें इतनी अधिक बढ़ जाएंगी। जुलाई-अगस्त में 80-90 रुपए प्रति किलो बिकने वाली तुअर दाल वर्तमान में 180 रुपए किलो तक बिक रही है। पिछले साल दालों का उत्पादन 20 लाख टन घटकर 1.738 करोड़ टन रहा था।