नई दिल्ली। सरकार ने हर महीने एलपीजी सिलेंडर के दाम चार रुपए बढ़ाने के अपने फैसले को वापस ले लिया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है कि हर महीने रसोई गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाना सरकार की गरीबों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना उज्ज्वला के उलट बैठता है। इससे पहले सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की सभी पेट्रोलियम विपणन कंपनियों को जून, 2016 से एलपीजी सिलेंडर कीमतों में हर महीने चार रुपए की बढ़ोतरी का निर्देश दिया था। इसके पीछे मकसद एलपीजी पर दी जाने वाली सब्सिडी को अंतत: समाप्त करना था।
एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि इस आदेश को अक्टूबर में वापस ले लिया गया है। इसी के चलते इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) ने अक्टूबर से एलपीजी के दाम नहीं बढ़ाए हैं। इससे पहले तक पेट्रोलियम कंपनियों को 1 जुलाई, 2016 से हर महीने 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर के दाम दो रुपए (वैट शामिल नहीं) बढ़ाने की अनुमति दी गई थी। इसके बाद पेट्रोलियम कंपनियों ने 10 मौकों पर एलपीजी के दाम बढ़ाए थे। प्रत्येक परिवार को एक साल में 12 सब्सिडी वाले सिलेंडर मिलते हैं। इससे अधिक की जरूरत होने पर बाजार मूल्य पर सिलेंडर मिलता है।
30 मई, 2017 को एलपीजी कीमतों में मासिक वृद्धि को बढ़ाकर दोगुना यानी चार रुपए कर दिया गया। पेट्रोलियम कंपनियों को 1 जून, 2017 से हर महीने एलपीजी कीमतों में चार रुपए वृद्धि का अधिकार दिया गया। इस मूल्यवृद्धि का मकसद घरेलू सिलेंडर पर दी जाने वाली सरकारी सब्सिडी को शून्य पर लाना था। यह काम मार्च, 2018 तक किया जाना था।
सूत्र ने बताया कि यह आदेश सरकार की उज्ज्वला योजना के उलट संकेत दे रहा था। एक तरफ सरकार गरीबों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दे रही है वहीं दूसरी ओर हर महीने सिलेंडर के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। इसमें सुधार के लिए यह आदेश वापस ले लिया गया है। सूत्र ने कहा कि अक्टूबर के बाद भी एलपीजी के दाम बढ़े हैं, इसकी मुख्य वजह कराधान का मुद्दा है।