नई दिल्ली। एक अप्रैल को मुश्किल लक्ष्य करार देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार के पास वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के लिए समय कम है लेकिन कहा कि वह निश्चित तौर पर इसके लिए प्रयास करेंगे। केंद्र ने अगले साल अप्रैल से इस महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर प्रणाली, जीएसटी को लागू करने का लक्ष्य रखा है।
जेटली ने इकनॉमिस्ट इंडिया समिट में कहा, हमने बेहद कठोर लक्ष्य रखा है और इसकी वजह है यह कि जीएसटी सुधार के समर्थन में राष्ट्रीय स्तर पर आकांक्षा शामिल है। 20-25 दिन के भीतर राज्य दर दर इसका अनुमोदन कर रहे हैं क्योंकि उन्हें सबसे अधिक फायदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों की संग्रह व्यवस्था की प्रक्रियात्मक औपचारिकताएं और इन्हें अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाना बरकरार है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा स्वीकृत प्रदान किए जाने के बाद संविधान संशोधन विधेयक को अधिसूचित किया जाएगा। जेटली ने कहा कि अधिसूचना जारी करने और जीएसटी परिषद के गठन के बाद निश्चित तौर पर कुछ लंबित मामले हैं जिनका परिषद समाधान करेगी।
उन्होंने कहा, इसलिए हमारे पास ऐसा करने के लिए सितंबर, अक्तूबर का महीने और नवंबर का कुछ हिस्सा है। बहुत काम करना है। जीएसटी लागू करने के संबंध में समय सीमा के बारे में पूछने पर जेटली ने कहा, राज्यों को अपने कानून पारित करने हैं। अब यदि आप इस पर निगाह डालते हैं तो यह बेहद कठोर लक्ष्य है और हमारे पास समय कम है। मैं निश्चित तौर पर प्रयास करना चाहूंगा। जेटली ने कहा कि केंद्रीय कानून – जीएसटी और आईजीएसटी – का पारित होना सरकार के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक कानूनों में से एक है। उन्होंने कहा, सरकार से बाहर भी आर्थिक प्राथमिकताओं के लिहाज से यदि आप मुझसे पूछें तो मैं कहूंगा कि निश्चित तौर पर जीएसटी लागू करना शीर्ष प्राथमिकता है।