नयी दिल्ली। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों का निकाय एफआईएसएमई ने मंगलवार को केंद्र और राज्य सरकारों को ‘लॉकडाउन’ के दौरान एमएसएमई को घरों तक सामान की आपूर्ति करने की अनुमति देने का सुझाव दिया। संगठन का कहना है कि इससे क्षेत्र को कोविड-19 संकट के दौरान अपनी आजीविका बनाये रखने के साथ वृद्धि को गति देने में मदद मिलेगी। उसने कहा कि भारत में करीब 6.3 करोड़ सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) हैं जो अर्थव्यवस्था के आधार हैं। महामारी की दूसरी लहर ने क्षेत्र को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। एफआईएसएमई (फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो एंड स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) ने एक बयान में कहा, ‘‘ऐसे समय में हम केंद्र एवं राज्य सरकारों से दिशानिर्देशों की घोषणा करने का अनुरोध करते हैं जो एमएसएमई की आजीविका को बनाए रखने में मदद करेंगे।’’
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संगठन ने आवश्यक और गैर-आवश्यक वस्तुओं के बीच ‘कृत्रिम’ भेद को हटाने का भी सुझाव दिया और एमएसएमई को केवल ‘होम डिलिवरी’ के माध्यम से सभी उत्पादों को बेचने की अनुमति देने का सुझाव दिया। बयान के अनुसार, ‘‘यह उपाय नौकरियों और आर्थिक गतिविधियों की निरंतरता सुनिश्चित करने में मदद करेगा। माल की राज्य के भीतर या एक राज्य से दूसरे राज्यों में आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इस प्रकार की आवाजाही के लिये अलग से अनुमति/ई-पास की आवश्यकता नहीं है।’’
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एफआईएसएमई ने यह भी कहा कि राज्यों को ई-कॉमर्स डिलिवरी कर्मियों को ‘फ्रंटलाइन’ कर्मचारी मानना चाहिए और उनके टीकाकरण को प्राथमिकता देनी चाहिए।
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