Highlights
- भारत की गैस-आधारित बिजली उत्पादन क्षमता 24,900 मेगावाट
- बिजली संयंत्रों को कुल जरूरत का 70 प्रतिशत गैस की आपूर्ति
नई दिल्ली। पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने बिजली संयंत्रों को 'एक हद तक स्थिर दरों' पर प्राकृतिक गैस मुहैया कराने के लिए जरूरी उपाय सुझाने के लिए एक समिति बनाई है। भारत की गैस-आधारित बिजली उत्पादन क्षमता 24,900 मेगावाट की है। लेकिन वाजिब दरों पर गैस की उपलब्धता नहीं होने से 14,305 मेगावाट बिजली का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। पेट्रोलियम सचिव कपूर ने ‘ईटी एनर्जी गैस कॉन्क्लेव’ में कहा कि बिजली क्षेत्र को एक हद तक स्थिर दर पर प्राकृतिक गैस मुहैया कराने के बारे में उपाय सुझाने के लिए एक समिति गठित की गई है। कपूर ने इस समिति के सदस्यों या उसकी रिपोर्ट के बारे में कोई ब्योरा न देते हुए कहा कि बिजली संयंत्र प्रकृतिक गैस को एक स्थिर दर पर चाहते हैं। इसकी वजह यह है कि उनकी पैदा की हुई बिजली लगभग स्थिर दरों पर बेची जाती है।
कपूर ने कहा, "अगर प्राकृतिक गैस की कीमतें ऊपर जाती हैं तो भी बिजली उत्पादक कंपनियां बिजली के दाम नहीं बढ़ा सकती हैं। लिहाजा हम बिजली क्षेत्र में प्राकृतिक गैस की मौजूदगी बढ़ाने के तौर-तरीके तलाशने में लगे हुए हैं।" गैस-आधारित बिजली उत्पादक संयंत्रों को आपूर्ति की जाने वाली औसत घरेलू गैस की मात्रा 2.5 करोड़ घन मीटर प्रति दिन से थोड़ी ही ज्यादा है जो जरूरत का सिर्फ 70 फीसदी ही है। पेट्रोलियम सचिव ने कहा कि बिजली ग्रिड में गैस-आधारित बिजली संयंत्रों की भूमिका एक संतुलन बनाने की होती है। ऐसी स्थिति में इन संयंत्रों को वाजिब दर पर गैस मुहैया कराना पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ने के एक बड़े कदम का हिस्सा है।