नई दिल्ली। सरकार ने पेटेंट आवेदनों के पहले परीक्षण में लगने वाले 5 से 7 साल के समय में भारी कटौती करते हुए इसे 18 महीने करने के लिए अधिक परीक्षकों की नियुक्ति करने सहित कई तरह की पहल की हैं। औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि परीक्षण अवधि में कटौती धीरे-धीरे होगी और विभाग इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मासिक, तिमाही, अर्धवार्षिक और वार्षिक लक्ष्य तय कर रहा है।
उन्होंने यहां फिक्की के एक समारोह में कहा, फिलहाल, पेटेंट आवेदनों के पहले परीक्षण में 5-7 साल का वक्त लगता है। हमने इसे मार्च 2018 तक कम कर 18 महीने करने का लक्ष्य रखा है। मुझे बताया गया है कि आवेदन प्राप्त करने के बाद पहले परीक्षण के लिए अमेरिका में यही पैमाना है। हमने अपने लिए यह लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह ट्रेडमार्क के लिए इससे पहले परीक्षण अवधि 13 महीने थी।
अभिषेक ने कहा, हमने ट्रेडमार्क के लिए 100 अतिरिक्त परीक्षक नियुक्त किए हैं और यह परीक्षण समय अब घटकर आठ महीने रह गया है और हमने मार्च 2017 तक इसे घटाकर एक महीने करने का लक्ष्य रखा है। मार्च में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा था कि सरकार के पास 2.37 लाख पेटेंट आवेदन लंबित हैं और ऐसा मुख्य तौर पर श्रमबल की कमी के कारण है। एक फरवरी 2016 तक पेटेंट के 2,37,029 और ट्रेडमार्क से जुड़े 5,44,171 आवेदन लंबित थे। डीआईपीपी सचिव ने कहा कि पेटेंट और ट्रेडमार्क आवेदन के परीक्षण में देरी बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) क्षेत्र की एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास फिलहाल 130 परीक्षक हैं और उसने 458 नए परीक्षक नियुक्त किए हैं। उन्होंने कहा, हम 263 परीक्षक अनुबंध पर भी नियुक्त कर रहे हैं।