नई दिल्ली। आलू की बढ़ती कीमतों से परेशान आम लोगों को जल्द राहत मिल सकती है। सरकार ने आलू के निर्यात पर लगाम कसने के लिए आलू का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 360 डालर प्रति टन तय किया है। आलू की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने तथा इसकी कीमतों पर अंकुश लगाने को यह कदम उठाया गया है।
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विदेश व्यापार महानिदेशालय-डायरेक्ट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘आलू का निर्यात 360 डालर प्रति टन के एमईपी पर किया जा सकता है.’’ वर्ष 2014-15 में भारत 4.8 करोड़ टन के साथ दुनिया में आलू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक था, लेकिन उसका निर्यात कुल उत्पादन का 1 फीसदी से भी कम था.
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आलू के बढ़ते दाम के पीछे पश्चिम बंगाल में फसल खराब होना भी एक कारण माना जा रहा है। यहां फसल में एक बीमारी की वजह से इस साल आलू की पैदावार खराब हुई है। पिछले साल देश में करीब 5 टन आलू की पैदावार हुई थी जबकि इस साल आलू की पैदावार घटकर सिर्फ 4.5 टन रहने का अनुमान है। इसी वजह से पिछले 2-3 महीने में ही आलू के दाम आसमान पर जा पहुंचे हैं। इसी वजह से बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए सरकार ने आलू के एक्सपोर्ट पर ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया है।