नई दिल्ली। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने देशभर में 100 से अधिक गोदामों और रिटेल आउटलेट्स पर छापेमारी में 28 अक्टूबर तक को दो करोड़ रुपए के चीनी पटाखे जब्त किए हैं। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि देशभर में चलाए गए अभियान के दौरान राजस्व खुफिया निदेशालय ने मुंबई, बेंगलुर, चेन्नई, त्रिची, विजयवाड़ा, मदुरै और लुधियाना आदि में 100 से अधिक गोदामों और रिटेल आउटलेट्स पर छापेमारी की। इससे घरेलू पटाखों को बढ़ावा मिलेगा।
फायरवर्क्स के इम्पोर्ट का नहीं मिलता है लाइसेंस
चाइनीज पटाखे सीमा शुल्क कानून, 1962 के प्रावधानों के तहत जब्त किए गए। इस मामले में आगे जांच जारी है। बयान में कहा गया है कि वाणिज्य मंत्रालय की विदेश व्यापार नीति के तहत देश में पटाखों के आयात पर अंकुश है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी लाइसेंस के आधार पर ही पटाखों का आयात किया जा सकता है। बयान में कहा गया है कि वाणिज्य मंत्रालय ने अभी तक किसी भी आयातक को लाइसेंस जारी नहीं किया है।
घरेलू पटाखों को बढ़ावा
तमिलनाडु के क्रैकर्स मैन्युफैक्चरर्स देसी पटाखों को प्रमोट कर रहे हैं। इस कदम का मकसद चीन से गैरकानूनी तरीके से इम्पोर्ट होने वाले फायरवर्क्स को हतोत्साहित करना भी है। तमिलनाडु के क्रैकर्स मेकर्स ने केंद्र और राज्य सरकारों से मिलकर चीन से आने वाले गैरकानूनी क्रैकर्स के इम्पोरर्ट के मामले को उठाया। तमिलनाडु फायरवर्क्स एंड अमोर्सेज मैन्युाफैक्चिरर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अबिरुबेन ने यह जानकारी दी।
90 फीसदी क्रैकर्स शिवकासी से आते हैं
भारत में सप्लाई होने वाले लगभग 90 फीसदी क्रैकर्स तमिलनाडु के शिवकासी से आते हैं। यहां की फायरवर्क्स इंडस्ट्री लगभग 6,000 करोड़ रुपए की है। अबिरुबेन ने बताया कि हमारी कोशिश लोगों को मेड इन इंडिया क्रैकर्स खरीदने के लिए जागरूक बनाने की है और यह सबकुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेड इन इंडिया कैंपेन को आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।