नई दिल्ली। सरकार ने आईफोन निर्माता कंपनी Apple (एप्पल) से उसके द्वारा भारत में किए जाने वाले निवेश और उससे पैदा होने वाले नौकरियां के अवसरों के बारे में ब्योरा मांगा है। सरकार के इस कदम को भारत में कारखाना लगाने की उसकी योजना को यथा संभव सुगम बनाए जाने से जोड़कर देखा जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि एप्पल के निवेश के स्तर तथा उससे देश की अर्थव्यवस्था को मिलने वाले संभावित लाभों पर गौर करने के बाद ही कर रियायत आदि के उसके अनुरोध पर विचार किया जाएगा। राजस्व विभाग, इलेक्ट्रोनिक्स विभाग और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तथा उद्योग मंत्रालय अमेरिका की इस बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी की भारत में स्मार्टफोन विनिर्माण संयंत्र लगाने की योजना को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि सरकार उसके प्रस्ताव पर सक्रियता से विचार कर रही है। अमेरिका और चीन में बिक्री घटने के मद्देनजर एप्पल की नजर भारत पर है, जो दुनिया में सबसे तेजी से उभरता स्मार्टफोन बाजार है। वह लागत में कटौती के लिए स्थानीय विनिर्माण इकाई स्थापित करना चाहती है।
वैसे एप्पल खुद ही कलपुर्जे नहीं बनाती है और वह अलग-अलग विनिर्माताओं से यह काम ठेके पर कराती है। कलपुर्जों के आयात पर सीमा शुल्क में 15 साल तक छूट के अलावा एप्पल ने स्थानीय तौर पर 30 फीसद कलपुर्जों की स्थानीय बाजार से खरीद की शर्त में भी छूट मांगी है। एप्पल चीन, जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस में अपने ही स्वामित्व वाले स्टोरों के मार्फत अपने उत्पादों को बेचती है। उसका भारत में पूर्ण स्वामित्व वाला कोई स्टोर नहीं है और वह इस देश में रेडिंग्टन और इन्ग्राम जैसे वितरकों के माध्यम से अपने उत्पादों को बेचती है।