नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्यों की माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व संग्रह में कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार 1.1 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह कर्ज उपुयक्त किस्तों में लिया जाएगा। जो भी कर्ज लिया जाएगा, उसे जीएसटी क्षतपूर्ति उपकर जारी करने के बदले राज्यों को दिया जाएगा।
केंद्र सरकार जीएसटी उपकर की क्षतिपूर्ति के तौर पर 1.1 लाख करोड़ रुपए उधार लेगी। केंद्र सरकार ने कहा कि वह वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति को पूरा करने के लिए स्पेशल विंडो के जरिये 1.1 लाख करोड़ रुपए का उधार लेगी। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर में कमी की भरपाई के लिए केंद्र सरकार 1.1 लाख करोड़ रुपए उधार लेगी।
वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लिए जाने वाले इस उधार से राजकोषीय घाटे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस राशि को राज्यों के पूंजीगत प्राप्ति के रूप में दर्शाया जाएगा और यह उनके संबंधित राजकोषीय घाटे का वित्तपोषण होगा।
इस बारे में जानकारी देते हुए कहा केंद्र ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर में कमी की भरपाई के लिए केंद्र सरकार 1.1 लाख करोड़ रुपए उधार लेगी। सरकार की ओर से कहा गया कि केंद्र यह मानकर चल रहा है कि सभी राज्य इससे सहमत होंगे। यह उधार उपयुक्त हिस्सों में लिया जाएगा। केंद्र की तरफ से जारी किए एक बयान में कहा गया कि उधार ली गई राशि को राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर के बदले में बैक-टू-बैक लोन के रूप में पारित किया जाएगा।