नई दिल्ली। सरकार को चालू वित्त वर्ष में 15,000 किलोमीटर सड़कों के निर्माण के लक्ष्य को पाने के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपए की जरूरत है। नीति आयोग की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए 2016-17 के लक्ष्यों पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि 70,000 करोड़ रुपए सकल बजटीय समर्थन और आंतरिक अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से जुटाए जाएंगे। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सड़क मंत्रालय का विभिन्न उपकरों के जरिए 33,000 करोड़ रुपए जुटाने का इरादा है। 8,000 करोड़ रुपए टोल के जरिए तथा 27,000 करोड़ रुपए निजी निवेश के जरिए आएंगे।
सरकार ने 2016-17 में 15,000 किलोमीटर सड़कों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। 2015-16 में यह 6,061 किलोमीटर था। इसके अलावा सरकार का लक्ष्य इस साल 25,000 किलोमीटर सड़कों के निर्माण का ठेका देने का है, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 10,098 किलोमीटर था। राष्ट्रीय राजमार्ग के कुल लक्ष्य में से 15,000 किलोमीटर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के तहत आएगा और 10,000 किलोमीटर मंत्रालय तथा राष्ट्रीय राजमार्ग एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम के तहत आएगा। वित्त वर्ष 2016-17 के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सड़कों व राजमार्गों के लिए 55,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। इसके अलावा एनएचएआई बांड के जरिए अतिरिक्त 15,000 करोड़ रुपए जुटाएगा।
चालू वित्त वर्ष में 51,400 सर्किट किलोमीटर पारेषण लाइन बिछाने का लक्ष्य
नीति आयोग ने सभी को सातों दिन 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के सरकार के लक्ष्य को हासिल करने के लिए चालू वित्त वर्ष में 51,400 सर्किट किलोमीटर (सीकेएम) अतिरिक्त पारेषण लाइन जोड़ने का लक्ष्य रखा है। यह 2015-16 के मुकाबले 82 फीसदी अधिक है। एक सूत्र ने कहा, बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए लक्ष्यों पर हाल की प्रस्तुती में नीति आयोग ने चालू वित्त वर्ष में 51,400 सीकेएम जोड़ने का लक्ष्य रखा है। पिछले वित्त वर्ष में 28,100 सीकेएम जोड़ा गया था। नीति आयोग ने क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार के लिए चालू वित्त वर्ष में छह से 10 महीने की देरी वाली महत्वपूर्ण परियोजनाओं की संख्या भी कम करने की वकालत की है। ऐसी परियोजनाओं की संख्या 2015-16 में 15 थी।
आयोग ने आयोग ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक अक्षय उर्जा क्षमता बढ़ाकर 62.5 हजार मेगावाट करने का लक्ष्य रखा है जो 2015-16 में 39.5 हजार मेगावाट था। सरकार ने 2022 तक अक्षय उर्जा उत्पादन क्षमता 1,75,000 मेगावाट पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। साथ ही आयोग ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक अक्षय उर्जा के अलावा अन्य स्रोतों से बिजली उत्पादन क्षमता 2,69,000 मेगावाट करने का लक्ष्य रखा है जो पिछले वित्त वर्ष में 2,50,000 मेगावाट था।
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