नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को चिकित्सा कार्यों में उपयोग होने वाले चश्मों और दस्तानों के निर्यात पर पाबंदी को हटा लिया। कोविड-19 महामारी को देखते हुए उन उत्पादों के निर्यात पर रोक लगाई गई थी। हालांकि देश में सप्लाई की स्थिति सुधरने और दुनिया भर में बढ़ती मांग के बाद नए मौकों को देखते हुए पाबंदी को हटाने का फैसला लिए गया है। सरकार के मुताबिक इस पहल का मकसद इन उत्पादों के निर्यात को गति देना है। निर्यात पर रोक हटाने का फैसला तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘चिकित्सा कार्यों में उपयोग होने वाले चश्मों और नाइट्राइल/एनबीआर दस्तानों की निर्यात नीति को संशोधित किया गया है। इसके तहत इन उत्पादों को प्रतिबंधित श्रेणी से हटाकर मुक्त निर्यात योग्य उत्पादों की श्रेणी में लाया गया है।’’ सूत्रों के मुताबिक घरेलू बाजार में ऐसे चश्मों और दस्तानों की पर्याप्त आपूर्ति है और उत्पादन करने वाली कंपनियों के पास इनका पर्याप्त भंडार मौजूद है। इसके साथ ही इन उत्पादों की विदेश में काफी मांग है। इसे देखते हुए निर्यात खोलने का फैसला लिया गया है। वहीं सरकार का मानना है कि फैसले के बाद कंपनियों का पास ऑर्डर बढ़ेंगे, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे। सरकार ने कोरोना महामारी का दायरा बढ़ने पर 28 जुलाई 2020 को चश्मों और दस्तानों के निर्यात पर रोक लगा दी थी।
इसके साथ ही एक अन्य अधिसूचना में डीजीएफटी ने कहा कि कोपरा के आयात को सरकारी ट्रेडिंग कंपनी एमएमटीसी के जरिये अनुमति दी गयी है जबकि नारियल तेल के आयात की स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन को छोड़कर एसटीई (स्टेट ट्रेडिंग एंटरप्राइजेज) के जरिये अनुमति है।