नई दिल्ली। ज्यादातर दलहन के कम भाव की मार झेल रहे किसानों के लिए अच्छी खबर है, सरकार ने दालों के निर्यात पर लगी पाबंदियों को पूरी तरह से हटा दिया है, अब देश से दलहन निर्यात बिना किसी रोक-टोक के होगा। इससे पहले सरकार ने सितंबर में तुअर, उड़द और मूंग का निर्यात आंशिक तौर पर खोला था लेकिन जब इससे भी इन दलहन की कीमतों में उठाव नहीं हुआ तो अब सरकार ने सभी दलहन के निर्यात पर लगी सारी पाबंदियों को खत्म करने की घोषणा की है, गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में निर्यात पर लगी पाबंदियों को खत्म करने का फैसला हुआ है।
देश में रिकॉर्ड दलहन उत्पादन
देश में पिछले साल दलहन का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था, केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक फसल वर्ष 2016-17 के दौरान देश में कुल 229.5 लाख टन दलहन पैदा हुआ था, इसके बाद मौजूदा फसल वर्ष 2017-18 में खरीफ सीजन के दौरान दलहन का अच्छा उत्पादन होने का अनुमान है, कृषि मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक खरीफ 2017 के दौरान देश में 39.9 लाख टन तुअर, 25.3 लाख टन उड़द और 13.20 लाख टन मूंग पैदा होने का अनुमान है।
अधिकतर दलहन का भाव समर्थन मूल्य से नीचे
लगातार दो सीजन के दौरान दलहन की पैदावार अधिक रहने की वजह से इनककी कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली है, सरकार ने दलहन के लिए जो समर्थन मूल्य तय किया हुआ है वह भी किसानों को नहीं मिल सका है, इस साल तुअर के लिए 5450 रुपए, उड़द के लिए 5400 रुपए और मूंग के लिए 5575 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य तय हुआ है लेकिन मंडियों में इन सभी दलहन का भाव समर्थन मूल्य से बहुत नीचे है। कई प्रमुख मंडियों में तुअर का भाव 4000 रुपए के भी नीचे लुढ़क गया है, कुछ ऐसा ही हाल उड़द और मूंग का भी है।
तुअर की आवक जल्द होगी शुरू
किसानों को कुछएक जगह पर दलहन का अच्छा भाव दिलाने के लिए सरकार की तरफ से उड़द और मूंग की खरीद भी हो रही है लेकिन वह खरीद बहुत सीमित मात्रा में है, जल्दी ही मंडियों में तुअर की आवक शुरू हो जाएगी, ऐसे में सरकार नहीं चाहती कि किसानों को तुअर का भी कम भाव मिले, इसी को देखते हुए सरकार ने दालों के निर्यात पर लगी पाबंदी को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। सरकार के इस फैसले से किसानों को तो अच्छा भाव मिल सकता है लेकिन उपभोक्ताओं को भी दाल खरीदने के लिए ज्यादा भाव चुकाना पड़ सकता है।
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