नयी दिल्ली। सरकार ने बृहस्पतिवार को बिजली क्षेत्र में साइबर सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किये। इस पहल का मकसद सुरक्षित साइबर परिवेश बनाना है। बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह के निर्देशन में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने बिजली क्षेत्र में साइबर सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। इसे बृहस्पतिवार को जारी कर दिया गया।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (ग्रिड से कनेक्टिविटी के लिए तकनीकी मानक) (संशोधन) विनियमन, 2019 में साइबर सुरक्षा पर धारा 3(10) के प्रावधान के तहत सीईए ने सभी बिजली कंपनियों द्वारा पालन किए जाने के लिए बिजली क्षेत्र में साइबर सुरक्षा पर दिशानिर्देश तैयार किए हैं। मंत्रालय ने कहा कि बिजली क्षेत्र में साइबर सुरक्षा को लेकर पहली बार व्यापक दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं।
यह दिशानिर्देश बिजली क्षेत्र के लिए साइबर सुरक्षा तैयारियों के स्तर को बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्रवाई निर्धारित करते हैं। मंत्रालय के अनुसार यह नियम सीईआरटी-इन (कंप्यूटर एमरजेंसी रिस्पांस टीम), एनसीआईआईपीसी (नेशनल क्रिटिकल इनफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर), एनएससीएस (नेशनल सिक्युरिटी काउंसिल सिस्टम) और आईआईटी-कानपुर जैसी साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ एजेंसियों के साथ गहन विचार-विमर्श और बिजली मंत्रालय में चर्चा के बाद तैयार किये गए है।
इन दिशा-निर्देशों में नियामक ढांचे को मजबूत करना, सुरक्षा खतरे को लेकर पहले से चेतावनी और सुरक्षा खतरों की प्रतिक्रिया के लिए तंत्र स्थापित करना शामिल है। यह दिशा-निर्देश सभी जिम्मेदार संस्थाओं के साथ-साथ उपकरण निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं/विक्रेताओं, सेवा प्रदाताओं और भारतीय बिजली आपूर्ति प्रणाली से जुड़े आईटी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर मूल उपकरण निर्माता पर लागू होंगे।