मुंबई: सरकार ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के लिए प्रतिभूतियों (जी-सेक) की नीलामी शुरू की और पहली नीलामी में 32,853 करोड़ रुपये जुटाए। यह मई, 2020 के बाद बाजार से साप्ताहिक आधार पर जुटाया गया सबसे ऊंचा कर्ज है। केयर रेटिंग्स ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह राशि सरकार ने 2020-21 की आखिरी नीलामी से कम की दर पर जुटाई है। सरकार ने 32,000 करोड़ रुपये की अधिसूचित राशि की तुलना में 32,853 करोड़ रुपये 6.14 प्रतिशत की दर पर जुटाए हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि केंद्रीय बैंक के तरलता तथा प्रतिफल पर नियंत्रण के उपाय काम कर रहे हैं।
चालू वित्त वर्ष की पहली सरकारी प्रतिभूतियों की नीलामी में सरकार ने 35,853 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो 22 मई, 2020 के बाद सबसे ऊंचा आंकड़ा है। केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि यह अधिसूचित राशि से अधिक है। इस नीलामी में भारित औसत प्राप्ति 6.14 प्रतिशत रही, जो 19 मार्च, 2021 को हुई नीलामी में कर्ज की लागत से 0.04 प्रतिशत कम है।
सरकार की कर्ज की लागत पिछली तीन तिमाहियों से छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। इसको लेकर सरकार और मौद्रिक प्राधिकरण चिंतित हैं। इसी के मद्देनजर केंद्रीय बैंक ने सात अप्रैल को इस तिमाही के दौरान एक लाख करोड़ रुपये की निश्चित तरलता डालने की प्रतिबद्धता जताई। यह राशि एक नए माध्यम सरकारी प्रतिभूतियों के अधिग्रहण कार्यक्रम या जी-सैप के जरिये डाली जाएगी। इस कार्यक्रम का मकसद बांड पर प्रतिफल को नियंत्रण में रखना है।