नयी दिल्ली। केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि देश के बिजली संयंत्रों को संभावित साइबर हमलों से बचाने के लिए सरकार एक प्रणाली विकसित करने की कोशिश कर रही है। सरकार ने एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है जो इस संबंध में एक ढांचा बनाएंगे।
यहां इंफोकॉम 2016 में गोयल ने कहा, मैं अभी हाल ही में सेवानिवृत्त हुए एक आईपीएस अधिकारी के साथ काम कर रहा हूं जो हमारे बिजली ढांचे को संभावित साइबर हमलों से बचाने के लिए एक व्यवस्था बनाने में हमारी मदद करेंगे। साइबर हमलों को स्पष्ट रूप से बहुत गंभीर मसला बताते हुए गोयल ने कहा, हमारे पास ऐसा कोई तकनीकी ढांचा या कोई मजबूत व्यवस्था नहीं है जो हमें आज के जमाने के हैकरों के हमले से बचा सके।
गोयल ने कहा कि दुर्भाग्य से आज के समय में हैकर हमसे एक कदम आगे हैं और यह सिर्फ हमारी ही समस्या नहीं बल्कि कई विकसित देश भी इसका सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बात वह पेंटागन के आंकड़ों के हिसाब से कह रहे हैं। तो निश्चित रूप से यह उनके लिए चिंता की बात है और वह विशेष रूप से इसे लेकर चिंतित हैं। वह देख रहे हैं कि वह क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई हैकर है तो निश्चित तौर पर कोई उसे पकड़ने वाला भी होगा।
अगले साल 1.65 ट्रिलियन यूनिट बिजली उत्पादन
केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि भारत अगले साल अपने बिजली उत्पादन में 50 प्रतिशत वृद्धि कर इसे 1.65 ट्रिलियन यूनिट तक कर सकता है। उन्होंने कहा, हमें अपना बिजली उत्पादन दोगुना करना होगा। हमारी आज की बुनियादी ढांचा तथा उत्पादन क्षमता को देखते हुए हम अपने बिजली उत्पादन को दोगुना कर सकते हैं। हमें अगर कल अपनी प्रणाली में 50 प्रतिशत अधिक बिजली जोड़नी पड़े तो मैं उसके लिए तैयार हूं। फिलहाल हम 1.1 ट्रिलियन यूनिट बिजली सालाना पैदा कर रहे हैं.. अगले साल हम हसे 1.65 :ट्रिलियन: तक कर सकते हैं। मंत्री ने राज्यों द्वारा बताई जाने वाली बिजली कमी को कुप्रबंधन से उपजी तकनीकी कमी बताया।
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