नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि देशभर में सस्ती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उसने 2020 तक 2,500 नए जन औषधि केंद्र खोलने की योजना बनाई है। इस समय देश में 5,000 से ज्यादा केंद्र संचालित हैं।
सरकार ने हर ब्लॉक (प्रखंड) में सस्ती दवाओं के लिए कम से कम एक जन-औषधि केंद्र खोलने की योजना तैयार की है। जहां से लोगों को मुनासिब दाम पर अच्छी दवाइयां उपलब्ध होंगी।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख एल मांडविया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि देश भर में प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि परियोजना के तहत जन औषधि केंद्रों की संख्या 5000 से ऊपर पहुंच गई है। 2020 तक देश भर में ऐसे 2,500 और केंद्र खोलने की योजना है। हमारा लक्ष्य हर प्रखंड स्तर पर कम से कम एक जन औषधि दुकान स्थापित करना है।
मंडाविया ने लोगों से जरूरत की दवा नजदीक के जन औषधि केंद्र से खरीदने की अपील की। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों से दवा सस्ती पड़ती है। इसका फायदा जनता को मिलना चाहिए। मंत्री ने कहा कि आज मरीज के इलाज में 70 प्रतिशत धन दवाओं पर खर्च होता है। उन्होंने कहा सामान्य गुण की दवाओं की मांग बढ़ रही है। जनऔषधि केंद्र से हर रोज 10 से 15 लाख लोग दवाएं ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत ऐसी दुकानों पर 800 से अधिक दवाएं और ऑपरेशन में काम आने वाले 154 चिकित्सा सामान उपलब्ध कराए जाते हैं।