नई दिल्ली। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) को 74,000 करोड़ रुपए का बेलआउट पैकेज उपलब्ध कराने की योजना पर काम कर रही है। इस योजना में एक आकर्षक एग्जिट पैकेज , 4जी स्पेक्ट्रम के लिए प्रावधान और पूंजी खर्च शामिल है।
बीएसएनएल भारत की सबसे बड़ी घाटे में चलने वाली सरकारी कंपनी है। वित्त वर्ष 2018-19 में इसका शुद्ध घाटा 13,804 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। इस मामले में एमटीएनएल तीसरे स्थान पर है, इसका घाटा 3,398 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। एमटीएनएल से ज्यादा अकेली सार्वजनिक एयरलाइन एयर इंडिया का घाटा है।
प्रस्तावित बेलआउट पैकेज के तहत, 20,000 करोड़ रुपए 4जी स्पेक्ट्रम के लिए आवंटित किए जाएंगे और 40,000 करोड़ रुपए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) एवं शीघ्र सेवानिवृत्ति लाभ के लिए दिए जाएंगे। दोनों दूरसंचार कंपनियों को पूंजी खर्च के लिए लगभग 13,000 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार का विचार है कि सेवानिवृत्त आयु 60 से घटाकर 58 वर्ष करने और एक आकर्षक वीआरएस पैकेज की पेशकश से घाटे में चल रही इन कंपनियों की लागत को कम करने में मदद मिलेगी। यह कदम इन कंपनियों को नए टैरिफ प्लान के साथ आक्रामक तरीके से प्रतिस्पर्द्धा करने के लिए तैयार करेगा।
हाल ही में बीएसएनएल ने कहा था कि उसने कर्मचारियों को जून माह का वेतन दे दिया है। बीएसएनएल ने कहा कि उसे दूरसंचार विभाग से 14,000 करोड़ रुपए का बकाया मिलने का इंतजार है। सरकार बीएसएनएल और एमटीएनएल की संपत्तियों जैसे टॉवर, जमीन और ऑप्टीकल फाइबर के मौद्रीकरण की भी संभावना देख रही है। इस संबंध में एक ड्राफ्ट कैबिनेट जारी किया गया है।