नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को साफ किया है कि वह वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री में धोखाधड़ी को रोकने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों से फ्लैश सेल का डिस्लोजर नहीं लेगी हालांकि उपभोक्ता की शिकायतों के आधार पर कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करेगी। सरकार ने कहा कि उपभोक्ताओं को अधिकतम लाभ देने वाली छूट आधारित बिक्री जारी रहेगी, लेकिन ई-कॉमर्स मंच पर फर्जी फ्लैश सेल नहीं होगी। फ्लैश सेल से आशय भारी छूट के जरिये ग्राहकों को आकर्षित करना है।
इसके साथ ही सरकार ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों को नियमों के मसौदे के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है। उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 में प्रस्तावित प्रमुख संशोधनों में फर्जी फ्लैश सेल, भ्रामक बिक्री पर प्रतिबंध और मुख्य अनुपालन अधिकारी/ शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति शामिल है, जिस पर सरकार ने छह जुलाई तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने कहा, ‘‘हम फ्लैश बिक्री के बारे में जानकारी मांगने नहीं जा रहे हैं। हम बिक्री के साथ हैं, जिससे अधिकतम उपभोक्ताओं को फायदा होता है। अगर कोई शिकायत करना चाहता है, तो कम से कम एक व्यवस्था होनी चाहिए।’’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंत्रालय ई-कॉमर्स मंच पर व्यापार को ‘‘विनियमित नहीं करेगा’’ और ई-कॉमर्स कंपनियों को नियमों में प्रस्तावित बदलावों को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। फ्लैश सेल वास्तव में बेहद कम समय के लिये जारी भारी छूट की बिक्री स्कीम होती है। अक्सर ये कुछ घंटों के लिये ही ऑफर की जाती है। अक्सर कंपनियां इसे प्रमोशन का हिस्सा बताती हैं लेकिन कई बार कंपनियां असफल उत्पाद का स्टॉक खपाने या अपडेटेड उपकरण उतारने से पहले पुरानी तकनीक पर आधारित उपकरणों का स्टॉक खत्म करने के लिये भी इस मार्केटिंग स्ट्रेटजी का इस्तेमाल करती हैं।
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