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पीएफआरडीए की हल्की अनिवार्यता वाली पेंशन योजनाओं में कुछ क्षेत्रों को शामिल करने पर विचार

सरकार अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों को हल्की अनिवार्यता वाली पेंशन योजनाओं में शामिल करने पर विचार कर रही है। पीएफआरडीए ने यह जानकारी दी।

Dharmender Chaudhary
Published : March 15, 2017 17:12 IST
पीएफआरडीए की हल्की अनिवार्यता वाली पेंशन योजनाओं में कुछ क्षेत्रों को शामिल करने पर विचार
पीएफआरडीए की हल्की अनिवार्यता वाली पेंशन योजनाओं में कुछ क्षेत्रों को शामिल करने पर विचार

नई दिल्ली। सरकार अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों को हल्की अनिवार्यता वाली पेंशन योजनाओं में शामिल करने पर विचार कर रही है। इससे देश में सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाया जा सके। पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन जी कॉन्ट्रैक्टर ने यह जानकारी दी।

कॉन्ट्रैक्टर ने फिक्की-केपीएमजी के पेंशन पर ज्ञान दस्तावेज को जारी करने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, हमने सरकार को सुझाव दिया है कि अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों को पेंशन योजनाओं में स्वत: नामांकन में शामिल किया जाए। कॉन्ट्रैक्टर ने कहा कि पेंशन योजनाओं के विस्तार को लेकर अर्थव्यवस्था में चुनौतियां है। यही वजह है कि पीएफआरडीए ने सरकार को हल्की अनिवार्यता वाला तरीका अपनाने को कहा है।

  • स्वत: नामांकन वाली योजना में किसी संगठन के कर्मचारी खुद ब खुद पेंशन योजनाओं में आ जाते हैं, जब तक कि वे खुद उससे बाहर नहीं निकलते।
  • पीएफआरडीए के चेयरमैन ने कहा कि भारत अब अपनी पेंशन योजनाओं का दायरा बढ़ाने को लेकर बेहतर स्थिति में है।
  • क्योंकि अर्थव्यवस्था बेहतर तरीके से काम कर रही है और मुद्रास्फीति भी घटी है।
  • मुद्रास्फीति की समस्या काफी हद तक हल हुई है।
  • एक साल पहले यह 8 से 9 प्रतिशत पर थी, जो अब घटकर 5 प्रतिशत पर आ गई है।
  • ऐसे में मुद्रास्फीति नीचे आने से वास्तविक बचत बढ़ती है।
  • मंच तैयार हो चुका है। यह लोगों के लिए पेंशन योजनाओं में शामिल होने का उचित समय है।

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