नई दिल्ली। केंद्र सरकार की इनडायरेक्ट टैक्स वसूली वित्त वर्ष 2015-16 के संशोधित लक्ष्य 7.04 लाख करोड़ रुपए से भी आगे निकल गई है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के चेयरमैन नजीब शाह ने बताया कि अंतिम आंकड़ों के बारे में अभी जानकारी नहीं है, क्योंकि कल बैंकों में अवकाश था। लेकिन हमारा इनडायरेक्ट टैक्स संशोधित अनुमान 7.04 लाख करोड़ रुपए था और इनडायरेक्ट टैक्स वसूली का संभावित अस्थाई आंकडा 7.09 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
उन्होंने कहा, इनडायरेक्ट टैक्स की प्रत्येक मद में हमने लक्ष्य हासिल किया है, चाहे यह सीमा शुल्क हो, उत्पाद शुल्क हो या फिर सेवा कर, सभी मदों में लक्ष्य हासिल किया गया है। सीबीईसी चेयरमैन ने आगे कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) कानून के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे जल्द ही सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
शाह ने कहा, जीएसटी का वित्तीय वर्ष से कोई लेना देना नहीं है। जीएसटी कानून के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसे जल्द ही सार्वजनिक पटल पर जारी किया जाएगा। जीएसटी को देश की आजादी के बाद से इनडायरेक्ट टैक्स क्षेत्र में सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। इसमें केंद्र और राज्यों के इनडायरेक्ट टैक्सों को समाहित कर लिया जाएगा। फिलहाल जीएसटी विधेयक राज्यसभा में लंबित है। राज्यसभा से पारित होने के बाद इसे 29 राज्यों में से आधे राज्यों में इसकी पुष्टि करानी होगी। इसके बाद संभवत: एक अक्टूबर से जीएसटी को अमल में लाया जा सकता है।