नई दिल्ली: सरकार ने वर्ष 2015 में सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) की शुरुआत के बाद से इस योजना से 31,290 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद को यह जानकारी दी। सीतारमण ने लोकसभा में एक जवाब में कहा कि वैकल्पिक वित्तीय संपत्ति विकसित करने और भौतिक सोने की खरीद या उसे रखने के विकल्प के रूप में, भारत सरकार द्वारा पांच नवंबर, 2015 को एसजीबी योजना को अधिसूचित किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘एसजीबी योजना पर जनता की प्रतिक्रिया आने के परिणामस्वरूप वर्ष 2015-16 से 31,290 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है।’’
योजना की विशेषताओं के बारे में वित्तमंत्री ने कहा कि ये बांड भारतीय रुपये के भुगतान पर जारी किए जाते हैं और सोने पर ग्राम में अंकित होते हैं। बांड रिजर्वबैंक द्वारा भारत सरकार की ओर से जारी किए जाते हैं, और इसकी एक सरकारी गारंटी होती है। उसने आगे कहा, ‘‘इन बांडों पर देय ब्याज अर्ध-वार्षिक है और 2.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से है। बांड पर ब्याज आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कर योग्य है। एसजीबी के भुनाने पर उत्पन्न होने वाला पूंजीगत लाभ कर से किसी भी व्यक्ति को छूट दी गई है।’’
इस बीच, सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना 2021-22 - श्रृंखला पांच - सोमवार से 13 अगस्त तक के लिये खोली गयी है। निपटान तिथि 17 अगस्त, 2021 है। आवेदन अवधि के दौरान बांड का निर्गम मूल्य 4,790 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। एक अन्य सवाल के जवाब में, सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2020-21 के दौरान सरकार का कुल कर्ज का बोझ 1,19,53,758 करोड़ रुपये (अस्थायी) या जीडीपी का 60.5 प्रतिशत (1,97,45,670 करोड़ रुपये) था।