नई दिल्ली। केंद्र सरकार पांच देशों से आयातित रसायन पर डंपिंग रोधी शुल्क लगा सकती है। इस रसायन का इस्तेमाल पॉलिएस्टर फाइबर और फिल्म में होता है। वाणिज्य मंत्रालय ने इस रसायन की डंपिंग की जांच शुरू की है।
मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने कुवैत, ओमान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर से मोनो एथेलीन ग्लाइकोल के आयात की जांच शुरू की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने घरेलू उद्योग की ओर से जांच शुरू करने के लिए डीजीटीआर के समक्ष आवेदन किया था।
डीजीटीआर की अधिसूचना के अनुसार कंपनी ने इसके आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने का आग्रह किया है। इंडिया ग्लाइकोल्स लिमिटेड ने भी इस आवेदन का समर्थन किया है। एक बयान में कहा गया है कि प्राधिकरण को प्रथम दृष्टया इन देशों से इस रसायन की डंपिंग के पर्याप्त प्रमाण मिले है।
यदि जांच में डंपिंग की पुष्टि हो जाती है तो निदेशालय डंपिंग रोधी शुल्क के बारे में सिफारिश करेगा। जांच जनवरी-सितंबर, 2019 के बीच की गई। निदेशालय 2016-19 के आंकड़ों पर भी गौर करेगा।