नई दिल्ली। लंबे समय से अटके पड़े बहुचर्चित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (GST) को आखिरकार बुधवार को राज्य सभा में विचार एवं पारित कराने के लिये सूचीबद्ध किया गया है और इस बात के मजबूत संकेत हैं कि इस विधेयक को कांग्रेस सहित अन्य सभी प्रमुख राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त होगा। कर क्षेत्र में जीएसटी को अब तक का सबसे दूरगामी सुधार बताया जा रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा, GST विधेयक को बुधवार को राज्य सभा में विचार और पारित कराने के लिये सूचीबद्ध किया गया है। हमने सभी राजनीतिक दलों से समर्थन मांगा है। कुल मिलाकर माहौल विधेयक को पारित कराने के पक्ष में है। उच्चस्तरीय सरकारी सूत्रों के अनुसार मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सहित, वाम दलों, समाजवादी पार्टी और विभिन्न दलों के साथ बातचीत का आज एक और दौर हुआ ताकि इस महत्वपूर्ण कर सुधार विधेयक पर आम सहमति कायम की जा सके।
सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री अरुण जेटली की वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा के साथ एक बार फिर बातचीत हुई। बातचीत में विधेयक पर विस्तृत चर्चा हुई ताकि इस महत्वपूर्ण विधेयक पर आमसहमति कायम की जा सके। जेटली ने माक्र्सवादी पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी तथा कुछ अन्य नेताओं से भी मुलाकात की। इसके बाद अनंत कुमार के साथ जेटली ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुलाकात की।
विधेयक के अहम मुद्दों में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा को लेकर कल कांग्रेस के नेताओं के साथ बातचीत का एक और दौर होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार सरकार पहले विधेयक को मंगलवार को ही राज्यसभा में लाने वाली थी लेकिन कांग्रेस ने इस पर सहमति नहीं जताई क्योंकि इस दिन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का वाराणसी में रोड़शो होना है। पार्टी के कई सांसद इस सिलसिले में वहां जा सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार सरकार जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को चार महत्वपूर्ण संशोधनों के साथ आगे बढ़ाएगी। इसमें राज्यों को एक प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने के प्रावधान को समाप्त करना। राज्यों को जीएसटी लागू होने के पहले पांच साल के दौरान राजस्व नुकसान की पूरी भरपाई करना शामिल है। कांग्रेस की एक और महत्वपूर्ण मांग जिसमें केन्द्र और राज्यों के बीच विवाद समाधान प्रणाली से संबंधित प्रावधान में शब्दों को नए सिरे से ठीक किया जाएगा पर भी सरकार सहमत हो गई है।
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अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सम्मेलन में आज कांग्रेस नेता पी.एल. पुनिया ने कहा कि जीएसटी अर्थव्यवस्था, उद्योग-व्यावसाय और उपभोक्ता सभी के लिए काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, बातचीत का एक और दौर हो सकता है। पार्टी का मानना है कि विधेयक पारित होना चाहिए और हमारी शुभकामनाएं है कि विधेयक पारित हो।
जीएसटी विधेयक को लोकसभा में पिछले साल पारित कर लिया गया था लेकिन बि इसे राज्यसभा में कांग्रेस के भारी विरोध के चलते पारित नहीं किया जा सका। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने अपने सदस्यों को व्हिप जारी कर अगले तीन दिन सदन में उपस्थित रहने को कहा है। इस दौरान जीएसटी विधेयक पारित होने की संभावना है। शीर्ष सरकारी सूत्रों का कहना है कि विधेयक पारित होने की उम्मीद है क्योंकि करीब करीब सभी राजनीतिक दल अब इस पर सहमति जता चुके हैं।
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