नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि उसने घरेलू कीमतों में सुधार लाने के मकसद से तुअर, उड़द और मूंग दाल के निर्यात पर लगभग एक दशक पुराने प्रतिबंध को हटा दिया है। भारी उत्पादन के कारण दलहनों की कीमतें औंधे मुंह गिर गई हैं। हालांकि कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) से अनुमति के बाद ही दलहन की इन किस्मों का निर्यात किया जा सकता है। यह संस्था कृषि उत्पाद निर्यात संवधर्न निकाय है।
मौजूदा समय में केवल जैविक दलहन और काबुली चना की सीमित मात्रा में निर्यात करने की अनुमति है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की देर शाम को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उसने अगले आदेश तक तुअर, उड़द और मूंग दाल के निर्यात पर रोक को समाप्त कर दिया है। इसमें कहा गया है कि दलहन की इन किस्मों पर प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है।
डीजीएफटी ने कहा, दलहनों के निर्यात को खोलने से किसानों को लाभकारी मूल्य प्राप्त होने में मदद मिलेगी और वे आने वाले सत्रों में बुवाई के रकबे को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। दिल्ली में तुअर दाल की कीमत 70 से 75 रुपए किलो है, जो साल भर पहले 80 से 85 रुपए किलो थी।
देश का दलहन उत्पादन फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) में 2.24 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर का हुआ, जो उत्पादन पिछले वर्ष 1.65 करोड़ टन का हुआ था। दलहन उत्पादन में वृद्धि सरकार के प्रोत्साहनों के कारण संभव हुई।