नई दिल्ली। MSME सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक नई योजना लॉन्च की है। इस योजना के तहत नई टेक्नोलॉजी को किफायती कीमतों पर उपलब्ध कराया जाएगा। वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी के तहत टेक्नोलॉजी अधिग्रहण और डेवलपमेंट फंड (टीएडीएफ) लॉन्च किया है।
टीएडीएफ एक नई योजना है, जो स्वच्छ, हरित और ऊर्जा बचत वाली टेक्नोलॉजी खरीदने में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को वित्तीय मदद उपलब्ध कराएगी। इसके तहत उद्यमी भारत या दुनिया में कहीं भी उपलब्ध टेक्नोलॉजी, कस्टमाइज्ड प्रोडक्ट्स, विशेष सेवाएं, पेटेंट्स, इंडस्ट्रियल डिजाइन का अधिग्रहण कर सकते हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि यह योजना एमएसएमई क्षेत्र की मैन्युफैक्चरिंग वृद्धि के लिए बनाई गई है। इससे एमएसएमई क्षेत्र मेक इन इंडिया पहल में योगदान कर सकेगा।
इस नए फंड से एमएसएमई को स्वच्छ व हरित टेक्नोलॉजी के अधिग्रहण में मदद मिलेगी और ऐसे में उचित मूल्य पर टेक्नोलॉजी अंतर को खत्म किया जा सकेगा। टेक्नोलॉजी अधिग्रहण के लिए प्रत्यक्ष सहयोग के तहत उद्योगों से 50 फीसदी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर फीस की वापसी या 20 लाख रुपए, जो भी कम है, के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे।
पेटेंट पूल के रास्ते टेक्नोलॉजी अधिग्रहण के लिए अप्रत्यक्ष सहयोग के तहत दुनिया भर से प्रौद्योगिकी या पेटेंट के अधिग्रहण के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। चुनी गई कंपनियों को टेक्नोलॉजी या पेटेंट का लाइसेंस आपसी सहमति वाले मूल्य पर किया जाएगा। ये कंपनियां आपसी सहमति वाले मूल्य के 50 फीसदी या 20 लाख रुपए तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकेंगी।
इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण, कम ऊर्जा खपत और जल सरंक्षण वाली मशीन या डिवाइस बनाने वालों को भी न्यू प्लांट और मशीनरी पर की गई पूंजी निवेश पर 10 फीसद सब्सिडी या अधिकतम 50 लाख रुपए की मदद दी जाएगी।