नई दिल्ली। सरकार ने टैक्स चोरी करने वालों पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से मंगलवार को एक नया क्लीन मनी पोर्टल लॉन्च किया है। इसे केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने तैयार किया है। इस पोर्टल पर टैक्स चोरों की जानकारी और कालेधन के खिलाफ होने वाली प्रत्येक कार्रवाई की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
यह पोर्टल ऐसे लोगों की पहचान करेगा जिन्होंने बैंकों में बड़ी राशि जमा की है या बड़ा लेनदेन किया है, लेकिन उन्होंने ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत इसकी घोषणा नहीं की है। सरकार ने काले धन का खुलासा करने के लिए ऑपरेशन क्लीन मनी की शुरुआत की थी।
टैक्स चोरों की पहचान कर उन्हें अत्यधिक जोखिम, मध्यम जोखिम, कम जोखिम और बहुत कम जोखिम की चार श्रेणियों में बांटा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक अत्यधिक जोखिम वाले व्यक्तियों या समूहों को तलाशी, जब्ती और सीधे पूछताछ जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। मध्यम जोखिम वाले टैक्स डिफॉल्टरों को एसएमएस या ईमेल के जरिये सूचित किया जाएगा और बहुत कम जोखिम वाले लोगों पर नजर रखी जाएगी। जांच के दौरान व्यक्ति विशेष और समूहों की पहचान उजागर नहीं की जाएगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पोर्टल को लॉन्च करने के बाद कहा कि अब समय आ गया है कि उनकी पहचान की जाए जो टैक्स चोरी करते हैं। हम चाहते हैं कि टैक्स न चुकाने की आदत को टैक्स चुकाने में बदला जाए। पहले चरण में तकरीबन 18 लाख लोगों की पहचान की गई है, जिनका नगद लेनदेन उनके टैक्स प्रोफाइल से मैच नहीं खाता है। यह भी पढ़े: Vistara ने शुरू की ‘Mid-Summer’ सेल, सिर्फ 999 रुपए में दे रही है घरेलू रूट पर हवाई टिकट
उन्होंने बताया कि नोटबंदी के बाद 91 लाख नए करदाता जुड़े हैं और 30 करोड़ से ज्यादा पैन आवंटित किए गए हैं। नोटबंदी के बाद 16,398 करोड़ रुपए की अघोषित आय का भी पता चला है। नोटबंदी के बाद व्यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़ी है, क्योंकि इस दौरान गुमनाम धन के मालिक की पहचान सामने आ गई है। अब बहुत ज्यादा नकदी में व्यवहार करना और टैक्स से बचना सुरक्षित नहीं रह गया है।
लालू प्रसाद और पी. चिदंबरम के बेटे के परिसरों पर सीबीआई के छापों पर वित्त मंत्री ने कहा कि ऊंचे स्थानों पर बैठे लोग मुखौटा कंपनियों के जरिये संपत्ति खरीद रहे हैं, यह छोटी बात नहीं है।