नई दिल्ली। सरकार ने भारतीय पर्यटन विकास निगम (ITDC) में अपनी 12.03 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया से सरकारी खजाने को लगभग 260 करोड़ रुपए मिल सकते हैं।
निवेश व सार्वजनिक आस्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) ने आईटीडीसी की विनिवेश प्रक्रिया में सरकार की मदद के लिए मर्चेंट बैंकरों से निविदाएं मांगी हैं। उक्त विभाग को पहले विनिवेश विभाग के रूप में जाना जाता था। आईटीडीसी के अधीनअनेक होटल व रेस्त्रां आते हैं। डीआईपीएएम के टेंडर के अनुसार, सरकार आईटीडीसी में अपनी 12.03 फीसदी चुकता शेयर पूंजी बेचना चाहती है। यह बिक्री, बिक्री पेशकश के जरिए की जाएगी। आईटीडीसी में सरकार की 87.03 फीसदी हिस्सेदारी है। मर्चेंट बैंकर 21 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं।
आईटीडीसी वेबसाइट के मुताबिक उसके पास आठ अशोक ग्रुप ऑफ होटल्स, पांच जेवी होटल्स, एक रेस्त्रां, 11 ट्रांसपोर्ट यूनिट, एयरपोर्ट और सी-पोर्ट पर 9 ड्यूटी-फ्री दुकानें हैं। आईटीडीसी की शुरुआत अक्टूबर 1966 में हुई थी, डिपार्टमेंट ऑफ टूरिज्म की ओर से वह भरतपुर में एक होटल और कोसी में एक रेस्त्रां का भी प्रबंधन करता है। इसके अतिरिक्त यह वेस्टर्न कोर्ट, विज्ञान भवन और हैदराबाद हाउस में कैटरिंग सर्विस का भी प्रबंधन देखता है।
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