नई दिल्ली। डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT)ने डिजिटल मीडिया सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से जुड़े मुद्दों पर आज स्पष्टीकरण जारी किया है। डिपार्टमेंट ने बयान में कहा डिजिटल मीडिया के लिए एफडीआई नियम उन भारतीय डिजिटल कंपनियों पर जो खबरें या करंट अफेयर्स से जुड़ी सामग्री वेबसाइट या एप पर अपलोड कर रही हैं या दिखा रही हैं, ऐसी न्यूज एजेंसी जो डिजिटल मीडिया कंपनियों या न्यूज एग्रीगेटर को खबरें भेजते हैं और ऐसे न्यूज एग्रीगेटर जो अलग अलग सोर्स जैसे न्यूज वेबसाइट, ब्लॉग्स, वीडियो ब्लॉ़ग्स से न्यूज कंटेट लेकर एक जगह पर किसी सॉफ्टवेयर या फिर वेब एप्लीकेशन के माध्यम से देते हैं, पर लागू होंगी। डिपार्टमेंट के मुताबिक इन सभी को अपने एफडीआई को नियमों के मुताबिक करने के लिए इस स्पष्टीकरण के बाद से एक साल का समय है।
इसके साथ ही डिपार्टमेंट ने साफ किया कि डिजिटल मीडिया कंपनी के सीईओ और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में आधे से ज्यादा सदस्य भारतीय नागरिक होने चाहिए। वहीं कंपनी को सभी विदेशी कमर्चारियों के लिए सुरक्षा से जुड़ी आवश्यक अनुमति लेनी होगी। नियमों के मुताबिक भारत में एक साल में 60 दिन से ज्यादा काम करने वाले विदेशी कर्मचारी के लिए सुरक्षा से जुड़ी अनुमति जरूरी होगी अगर ऐसे विदेशी कर्मचारी को सुरक्षा से जुड़ी अनुमति नहीं मिलती तो कंपनी को सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे विदेशी कर्मचारी या तो त्यागपत्र दें या उन्हें हटा दिया जाए। इससे पहले प्रिंट मीडिया सेक्टर में सरकार के द्वारा स्वीकृत रूट से 26 फीसदी एफडीआई को अनुमति थी। वहीं कंटेंट बॉडकास्टिंग सेवा में सरकार के द्वारा स्वीकृत रूट से 49 फीसदी एफडीआई को अनुमति थी।
डिपार्टमेंट ने कहा कि एफडीआई को लेकर नियमों के सामने आने के बाद कई पक्षों ने इस बारे में सवाल पूछे थे जिसे देखते हुए डिजिटल मीडिया में एफडीआई नियमों पर ये स्पष्टीकरण जारी किया है। सरकार ने न्यूज डिजिटल मीडिया सेक्टर में 26 फीसदी एफडीआई को अनुमति दी है।